राजनीति में समय-समय पर ऐसे बयान सामने आते हैं जो न सिर्फ हलचल मचाते हैं, बल्कि सत्ता और विपक्ष की रणनीतियों पर भी असर डालते हैं। हाल ही में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने एक बार फिर सियासी तूफ़ान खड़ा कर दिया है। साथ ही तेज प्रताप ने RJD से अलग होकर अपनी नई पार्टी बनाने की भी घोषणा कर दी है। वही इस बार उनका निशाना सीधे-सीधे अपने ही राजनीतिक घराने और सहयोगियों पर है। उन्होंने आकाश यादव पर तीखे प्रहार करते हुए उन्हें "जयचंद" करार दिया और कहा कि उनकी राजनीति को खत्म करने की साजिश रची जा रही है। आकाश यादव पर गुस्सा आपको बता दें, तेजप्रताप यादव ने साफ शब्दों में कहा कि आकाश यादव उनकी राजनीतिक छवि को नुकसान पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पर्दे के पीछे बड़ी साजिश चल रही है ताकि उनकी स्वतंत्र पहचान को दबाया जा सके। इतिहास में जयचंद गद्दारी का प्रतीक माने जाते हैं, और उसी नाम का इस्तेमाल करते हुए तेजप्रताप ने यह संकेत दिया कि उनके ही करीबी उनके खिलाफ खड़े हो गए हैं। तेजप्रताप यादव ने तंज कसते हुए कहा, “अब हमें समझ में आ गया कि जयचंद कौन है। मेरी राजनीति को खत्म करने के लिए अंदर ही अंदर चाल चली जा रही है, लेकिन मैं किसी से डरने वाला नहीं हूं।” दरअसल, आकाश यादव तेज प्रताप यादव की पत्नी ऐश्वर्या राय के भाई हैं। यही वजह है कि तेज प्रताप और आकाश यादव के बीच की तनातनी केवल राजनीतिक ही नहीं बल्कि निजी रिश्तों से भी जुड़ी मानी जाती है। तेजस्वी-राहुल पर टिप्पणी वही तेजप्रताप ने अपनी नाराज़गी यहीं खत्म नहीं की। उन्होंने अपने छोटे भाई और राजद के प्रमुख नेता तेजस्वी यादव पर भी अप्रत्यक्ष निशाना साधा। उनका कहना था कि पार्टी के भीतर उनकी भूमिका को लगातार नज़रअंदाज़ किया जा रहा है और उन्हें सक्रिय राजनीति से किनारे करने की कोशिश हो रही है। साथ ही, उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष की राजनीति में युवाओं की भूमिका को मजबूत करने की बजाय कमजोर किया जा रहा है। यह बयान साफ तौर पर महागठबंधन की मौजूदा एकजुटता पर सवाल खड़ा करता है। साथ ही तेज प्रताप यादव ने इस बार वोटर अधिकार यात्रा के बहाने भी राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर सीधा हमला बोला है। तेज प्रताप ने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर यह यात्रा लोकतंत्र बचाने के लिए निकाली जा रही है या फिर किसी छिपे राजनीतिक एजेंडे को साधने के लिए? तेज प्रताप यादव ने अपने बयान में तीखे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि जनता अब समझ चुकी है कि लोकतंत्र की दुहाई देकर कई नेता सिर्फ अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं। उन्होंने तंज कसा कि “राहुल गांधी और तेजस्वी यादव लोकतंत्र बचाने की बात कर रहे हैं, लेकिन असलियत में यह यात्रा किसके हित में है, यह जनता भली-भांति जानती है। मतभेद की झलक आपको बता दें, तेज प्रताप का यह बयान सिर्फ विपक्षी गठबंधन के लिए ही नहीं, बल्कि खुद राजद के भीतर की खींचतान को भी उजागर करता है। लंबे समय से यह चर्चा है कि पार्टी के भीतर तेजस्वी यादव को पूरी तरह से कमान सौंप दी गई है, जबकि तेज प्रताप को हाशिए पर रखा जा रहा है। ऐसे में उनका यह वार कहीं न कहीं व्यक्तिगत नाराज़गी को भी सामने लाता है। नई पार्टी का ऐलान इस बीच ये भी खबर सामने आयी है तेज प्रताप ने RJD से अलग होकर अपनी नई पार्टी बनाने की भी घोषणा कर दी है. तेज प्रताप ने पार्टी का नाम ‘ जनशक्ति जनता दल ‘ रखा है. वही सोमवार को वो चुनाव आयोग में अपनी नई पार्टी के रजिस्ट्रेशन के लिए भी पहुंचे थे. दरअसल तेज प्रताप यादव पिछले कई महीनों से पार्टी के भीतर उपेक्षा और मतभेद की बातें खुलकर करते रहे हैं। कई बार वे खुले मंच से यह कह चुके है कि पार्टी के अंदर उनकी आवाज़ को दबाया जा रहा था। अब नई पार्टी बनाकर उन्होंने यह बता दिया है कि वे अब स्वतंत्र राजनीतिक राह पर आगे बढ़ना चाहते हैं। साथ ही पार्टी के नाम से यह संकेत मिलता है कि तेज प्रताप जनता को सीधे तौर पर साधना चाहते हैं। उनका कहना है कि उनकी नई पार्टी गरीबों, किसानों, युवाओं और वंचित वर्गों की आवाज़ बनेगी। उन्होंने कहा, “जनता ही असली ताकत है और यही ताकत बदलाव लाएगी। जनशक्ति जनता दल जनता के मुद्दों की पार्टी होगी, न कि परिवारवाद की।” बहरहाल तेज प्रताप यादव द्वारा ‘जनशक्ति जनता दल’ की घोषणा बिहार की राजनीति में एक बड़ा मोड़ है। यह कदम जहाँ उनके राजनीतिक भविष्य को नई दिशा देगा, वहीं RJD और महागठबंधन के लिए बड़ी चुनौती भी बनकर उभरेगा। साथ ही अब आने वाले चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता तेज प्रताप की इस नई पहल को कितना समर्थन देती है और क्या वे सचमुच बिहार की राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाने में सफल हो पाते हैं। Comments (0) Post Comment
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