गाजियाबाद में रविवार शाम दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर एक बड़ा हादसा हो गया। मसूरी थाना क्षेत्र के सिकरोड़ा गांव के पास एक तेज रफ्तार डग्गामार बस का अगला टायर अचानक फट गया। हादसे के समय बस करीब 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ रही थी। टायर फटते ही बस अनियंत्रित हो गई और डिवाइडर तोड़कर सामने से आ रही एक कार से भीषण टक्कर हो गई। कार सवार महिला और पुरुष गंभीर रूप से घायल टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। कार में सवार महिला और पुरुष बुरी तरह घायल हो गए। आसपास के ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुंचे और कार के दरवाजे तोड़कर दोनों को बाहर निकाला। घायलों को स्थानीय लोगों की मदद से नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दोनों की हालत गंभीर बताई जा रही है। बस पर लिखा था ‘उत्तर प्रदेश परिवार’ घटनास्थल से जब पुलिस ने बस की जांच की, तो उस पर “उत्तर प्रदेश परिवहन” की जगह “उत्तर प्रदेश परिवार” लिखा हुआ मिला। इससे साफ है कि बस डग्गामार थी, यानी बिना परमिट और लाइसेंस के यात्रियों को ढो रही थी। ऐसी बसें अक्सर सड़कों पर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए तेज रफ्तार में चलती हैं, जिससे हादसों का खतरा बढ़ जाता है। चालक और परिचालक मौके से फरार हादसे के बाद बस चालक और परिचालक मौके से फरार हो गए। बस में करीब 10 से 12 यात्री सवार थे, जिन्हें हल्की चोटें आईं। हालांकि, डर के कारण ज्यादातर यात्री भी वहां से चले गए। पुलिस अब बस के मालिक और ड्राइवर की तलाश में जुट गई है। ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ पर सवाल स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि इलाके में कई डग्गामार बसें खुलेआम चल रही हैं, लेकिन ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ विभाग इस पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं करते। ये बसें “सरकारी परिवहन” के नाम पर यात्रियों को धोखा देती हैं और बिना फिटनेस, लाइसेंस या सुरक्षा मानकों के सड़कों पर दौड़ती हैं। इससे न केवल यात्रियों की जान खतरे में रहती है, बल्कि उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को भी आर्थिक नुकसान होता है। पुलिस ने सड़क से हटवाए वाहन, यातायात बहाल मसूरी थाना प्रभारी अजय चौधरी मौके पर पहुंचे और पुलिस टीम के साथ राहत कार्य शुरू किया। दुर्घटनाग्रस्त कार और बस को क्रेन की मदद से सड़क से हटवाया गया। हादसे के कारण करीब आधे घंटे तक एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक बाधित रहा। बाद में यातायात सामान्य कर दिया गया। लोगों ने की सख्त कार्रवाई की मांग सिकरोड़ा गांव के ग्रामीणों ने कहा कि इस रूट पर डग्गामार बसें रोजाना बिना रोक-टोक चलती हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि ऐसे वाहन जब्त किए जाएं और चालकों पर सख्त कार्रवाई हो ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। यह हादसा एक बार फिर यह सवाल उठाता है कि सड़क सुरक्षा के नियमों को लेकर कितनी लापरवाही बरती जा रही है। अगर समय रहते डग्गामार बसों पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो ऐसे हादसे आम हो जाएंगे और निर्दोष लोगों की जान यूं ही जाती रहेगी। Comments (0) Post Comment
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