गाजियाबाद में लेडी गैंगस्टर रूबी चौधरी की हत्या, 11 साल की बेटी बनी चश्मदीद गवाह

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गाजियाबाद की अजनारा इंटीग्रिटी सोसाइटी में 14 अक्टूबर की सुबह सनसनीखेज वारदात हुई। लेडी गैंगस्टर रूबी चौधरी (34) को उनके पति विकास ने गोली मार दी। इस दौरान उनकी छोटी बेटी (11) चश्मदीद बनी और पुलिस को वारदात की पूरी जानकारी दी। बच्ची ने बताया कि, "मम्मी मुझे स्कूल भेजने के लिए तैयार कर रही थीं। अचानक पापा आए और पासपोर्ट मांगने लगे। पापा ने मम्मी का गला पकड़ लिया। फिर उन्होंने पिस्टल निकालकर गोली चला दी।"

 

घटनास्थल और CCTV फुटेज

 पुलिस ने बताया कि सोसाइटी के CCTV फुटेज में विकास को कत्ल के बाद फ्लैट से बाहर निकलते और लॉबी में टहलते देखा गया। लगभग 30 मिनट बाद उनका दोस्त गाड़ी लेकर आया और विकास उसके साथ फरार हो गया। 9वीं फ्लोर पर रहने वाला विकास फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर है और उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ है।

 

परिवार और पूर्व घटनाक्रम

 रूबी चौधरी मोदीनगर की तिबड़ा गांव की रहने वाली थी। परिवार में दो बहनें और एक भाई था। उनकी शादी 14 साल पहले विकास से हुई। सब कुछ सामान्य चलता रहा, लेकिन 2019 में रूबी के छोटे भाई दीपेंद्र की हत्या ने कहानी बदल दी। आरोपी अक्षय सांगवान को गिरफ्तार किया गया। रूबी ने अपने भाई की हत्या का बदला लेने के लिए 2020 में अक्षय की हत्या करवाने का आदेश दिया।

 इस कार्रवाई में रूबी और उनके पति विकास समेत कुल आठ लोग आरोपी थे। रूबी को गिरफ्तार किया गया और डेढ़ साल जेल में रहना पड़ा।

 

फ्लैट और हत्या का तरीका

 घटना वाले दिन, रूबी अपनी बेटी को स्कूल के लिए तैयार कर रही थी। बच्ची ने बताया कि पिता विकास ने अचानक मम्मी पर हमला कर दिया और गोली चला दी। पुलिस के अनुसार, शव वॉशरूम से बेडरूम तक खून के निशानों के बीच पड़ा मिला। कमरे में सामान ज्यादा बिखरा हुआ नहीं था, जिससे पता चलता है कि कत्ल सुनियोजित और जल्दी किया गया।

 

11 साल की बेटी की गवाही

 बच्ची ने पुलिस को बताया कि पिता अक्सर शराब पीकर माँ से मारपीट करते थे। जिस दिन वारदात हुई, उस दिन भी पिता गुस्से में थे। बच्ची के अनुसार, "पापा मम्मी को खींचकर कमरे में ले गए और मुझसे बोले किसी को कुछ मत बताना।"

 

गैंगस्टर इतिहास और संपत्ति विवाद

 रूबी और विकास दोनों मोदीनगर थाने के गैंगस्टर रहे हैं। 2019 में दीपेंद्र की हत्या और उसके बदले 2020 में अक्षय की हत्या की सुपारी रूबी ने दी थी। इस घटना के बाद रूबी ने सोसाइटी में फ्लैट लिया और दो बेटियों के साथ रहने लगी। परिवार में संपत्ति विवाद भी चलता रहा, खासकर भाई की हत्या के बाद मिली जमीन और मकान को लेकर।

 

पुलिस की कार्रवाई और विकास की तलाश

 DCP सिटी धवल जायसवाल ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। क्राइम स्पॉट को सील किया गया और तीन टीमों द्वारा विकास की तलाश की जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि विकास को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

 बहरहाल रूबी चौधरी की हत्या केवल गैंगस्टर दुनिया के अंदरूनी झगड़ों का परिणाम है, बल्कि इसमें परिवार और संपत्ति विवाद की भी बड़ी भूमिका दिखती है। इस मामले में 11 साल की बच्ची ने बेहद महत्वपूर्ण चश्मदीद गवाही दी है, जो आगे की जांच में पुलिस के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। घटनाक्रम से यह भी स्पष्ट होता है कि अपराध और प्रतिशोध किस हद तक खतरनाक हो सकते हैं।


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