ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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गाजियाबाद अस्पताल में गंभीर हालात
गाजियाबाद के एक सरकारी अस्पताल में सांस लेने में तकलीफ के कारण दो
लोगों की मौत हो गई और एक दिन में 511 बच्चे OPD में भर्ती हुए। यह मामला ठंड के बढ़ते
मौसम और प्रदूषण के कारण सांस रोगों के फैलने से जुड़ा है। अस्पताल में भारी भीड़
और संसाधनों की कमी ने हालात और बिगाड़ दिए।
बच्चों को पहुंचा सबसे ज्यादा नुकसान
511 बच्चों में से कई को तत्काल ऑक्सीजन सपोर्ट और दवाई की जरूरत पड़ी।
डॉक्टरों के मुताबिक, बच्चों के फेफड़ों में प्रदूषण और वायरल संक्रमण के कारण सूजन हो रही
है। अस्पताल में हाहाकार मचा था, बेड की कमी और दवाइयों की कमी ने परेशानी बढ़ाई।
परिवार वाले तनाव में हैं, वहीं डॉक्टर दोगुनी मेहनत कर रहे हैं।
तेज़ बढ़ता प्रदूषण और मौसम का प्रभाव
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता अब गंभीर स्तर पर पहुंच गई
है। सर्द हवाओं में प्रदूषण छुपना मुश्किल हो रहा है। गर्मी के मुकाबले ठंड के
मौसम में लोग ज्यादा सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे हैं। इस वजह से अस्पताल
लगातार मरीजों से भरा जा रहा है।
अस्पताल पर दबाव और संसाधन की कमी
अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों और बेड की भारी कमी हो गई है। मरीजों का
लम्बा इंतजार और इलाज में देरी हो रही है। चिकित्सा विभाग से त्वरित राहत की मांग
हो रही है। स्थानीय प्रशासन को अलर्ट रहना होगा, ताकि आगे स्थिति नियंत्रण में रहे।
बचाव और सावधानी के लिए जरूरी उपाय
विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि मास्क का इस्तेमाल जरूरी है। घर में रहना,
खासकर बच्चों को
बाहर न निकालना, भाप लेना और हवा प्रदूषण कम करने के लिए हर संभव कदम उठाना चाहिए।
स्कूलों में भी सतर्कता बढ़ानी होगी।
लंबी अवधि की योजनाओं की जरूरत
हर सर्दी के मौसम में यही समस्या बरकरार रहती है। प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य जागरूकता और अस्पतालों की तैयारियों को मजबूत करना जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग को विशेष प्रोग्राम बनाकर बच्चों की देखभाल करनी चाहिए
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