ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
गाजियाबाद में शुक्रवार को पुलिस विभाग में एक बड़ी कार्रवाई हुई, जहां क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर रमेश सिंह सिंधु को 4 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी उस समय हुई जब कारोबारी राहुल रिश्वत की रकम लेकर क्राइम ब्रांच ऑफिस पहुंचा और इंस्पेक्टर को पैसे सौंपे। जैसे ही इंस्पेक्टर ने रकम अपने ऑफिस में रखी, पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर उसे तुरंत हिरासत में ले लिया। रिश्वत देने वाले कारोबारी को भी भागते समय पकड़ लिया गया।
3.5 करोड़ की कफ सिरप बरामदगी से जुड़ा था रिश्वत का मामला
यह रिश्वत का पूरा मामला 3 नवंबर की उस कार्रवाई से जुड़ा है जब गाजियाबाद पुलिस ने चार ट्रकों में भरी करीब 3.5 करोड़ रुपये की कफ सिरप की खेप पकड़ी थी। आरोप है कि इन्हीं ट्रकों को छोड़ने के बदले इंस्पेक्टर रमेश सिंह सिंधु ने कारोबारी से मोटी रकम की मांग की थी।
18 अक्टूबर को सोनभद्र पुलिस ने भी दो ट्रक कफ सिरप पकड़ा था। पूछताछ में खुलासा हुआ कि इन सिरप को गाजियाबाद के गोदामों में जमा कर देशभर में तस्करी के लिए भेजा जाता था। इसी जानकारी को आधार बनाकर गाजियाबाद पुलिस ने जांच तेज की और एडीसीपी पीयूष सिंह व क्राइम ब्रांच प्रभारी अनिल राजपूत की टीम को छापेमारी के निर्देश दिए।
गाजियाबाद के मछली गोदाम से 1.57 लाख शीशियां बरामद
3 नवंबर को मेरठ रोड स्थित मछली गोदाम में छापेमारी के दौरान पुलिस ने चूने की बोरियों के बीच छिपाई गई कफ सिरप की भारी खेप बरामद की।
यहां से 1,57,350 शीशियां मिलीं जिनमें Eskuf और Phensedyl ब्रांड शामिल थे। 850 पेटी Eskuf और 300 पेटी Phensedyl की थीं।
हर पेटी में 100 मिलीलीटर की शीशियां थीं। कुल मात्रा करीब 15,735 लीटर निकली, जिसकी कीमत 3.40 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई। इन सिरप में कोडीन नामक नशीला तत्व पाया जाता है, जो मादक पदार्थों की श्रेणी में आता है। इस कारण इसकी अवैध तस्करी भारी पैमाने पर होती है। भारत में एक शीशी 210–212 रुपये की होती है जबकि बांग्लादेश में यह 600–1000 रुपये तक बिकती है।
देशभर में हो रही थी अवैध सप्लाई, 550 ट्रकों की तस्करी का खुलासा
पूछताछ में सामने आया कि गैंग के मास्टरमाइंड सौरव त्यागी और संतोष भड़ाना पिछले तीन साल में 550 से अधिक ट्रकों के जरिए कफ सिरप की तस्करी कर चुके हैं। गाजियाबाद के गोदामों में ट्रकों को खड़ा करने के लिए 20 हजार रुपये रोजाना दिए जाते थे। मुख्य आरोपी सौरव ने पुलिस को बताया कि ये प्रतिबंधित सिरप दिल्ली से यूपी, बिहार और झारखंड होते हुए बांग्लादेश तक भेजे जाते थे।
सौरव त्यागी के पास गाजियाबाद की RS फार्मा का लाइसेंस भी है। उसने वान्या इंटरप्राइजेज, लेबोरेट फार्मा (पोंटा साहिब) और एबॉट फार्मा (बद्दी) जैसे नामों से कई फर्जी फर्म बनाकर सिरप खरीदे और इन्हें ट्रकों में छिपाकर कई राज्यों तक सप्लाई की जाती थी। हर बार सिरप को छिपाने का तरीका बदला जाता था ताकि पुलिस उन्हें पकड़ न सके।
दुबई से ऑपरेट हो रहा है पूरा नेटवर्क
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि इस तस्करी का किंगपिन मेरठ निवासी आसिफ है, जो दुबई में बैठकर पूरे नेटवर्क को नियंत्रित करता है। उसके साथ मेरठ का वसीम और वाराणसी का शुभम जायसवाल भी शामिल है। तीनों अभी फरार हैं। आसिफ और वसीम की मदद से सौरव त्यागी एनसीआर में कफ सिरप इकट्ठा करता था और फिर देशभर में सप्लाई कराता था।
भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई, केस दर्ज
DCP सिटी धवल जायसवाल ने बताया कि आरोपी इंस्पेक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार की धाराओं में केस दर्ज किया जा रहा है। रिश्वत देने वाला व्यक्ति भी गिरफ्तार है। सूत्रों के अनुसार, इंस्पेक्टर की गतिविधियों पर पहले से ही नजर रखी जा रही थी क्योंकि उसके खिलाफ कमिश्नर को कई शिकायतें मिली थीं। यह मामला न केवल भारी तस्करी नेटवर्क का खुलासा करता है, बल्कि पुलिस विभाग के अंदर फैले भ्रष्टाचार को भी उजागर करता है।
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