ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
गाजियाबाद
में
बुधवार
रात
एक
सर्राफा
व्यापारी
ने उठाया दर्दनाक कदम।
मृतक
की
पहचान
जितेंद्र
उर्फ
जीतू
के
रूप
में
हुई
है।
पुलिस
मामले
की
जांच
में
जुटी
हुई
है
और
आसपास
के
सभी
पहलुओं
को
खंगाल
रही
है।
परिवार
का
आरोप
है
कि
मानसिक
प्रताड़ना
और
आर्थिक
धोखाधड़ी
के
कारण
व्यापारी
ने
यह
कदम
उठाया।
घटना का स्थल और शुरुआती जानकारी
जितेंद्र
का
शव
राजनगर
एक्सटेंशन
के
आफिसर
सिटी-2 सोसाइटी
में
उनकी
कार
में
मिला।
उनके
साथ
उनकी
पत्नी
और
दो
महीने
का
बेटा
है।
कार
में
एक
लाइसेंसी
पिस्टल
और
नोट
भी
बरामद
हुआ।
नोट
में
तीन
व्यापारियों
और
एक
महिला
के
नाम
शामिल
थे, जिन पर व्यापारी ने करीब एक करोड़ रुपए और सोना धोखे से हड़पने का आरोप लगाया। पुलिस इस नोट की हस्तलिपि जांच कर रही है ताकि यह पुष्टि हो सके कि यह जितेंद्र द्वारा ही लिखा गया था।
पुलिस की जांच और पूछताछ
DCP सिटी
धवल
जायसवाल
ने
बताया
कि
प्रारंभिक
फोरेंसिक
जांच
और
घटनास्थल
के
सबूत
दर्दनाक कदम
की
ओर
इशारा
कर
रहे
हैं।
पुलिस
आसपास
के
सीसीटीवी
फुटेज
की
जांच
कर
रही
है
और
यह
पता
लगाने
की
कोशिश
कर
रही
है
कि
दिन
में
जितेंद्र
किन
लोगों
से
मिले
थे
और
दिल्ली
स्थित
उनकी
ज्वेलरी
शॉप
पर
गए
या
नहीं।
साथ
ही
पुलिस
यह
भी
जांच
रही
है
कि
गोली
सीने
में
खुद
द्वारा
मारी
गई
या
हत्या
की
कोई
संभावना
हो
सकती
है।
अक्सर
इस
तरह
की
घटनाओं
में
गोली
कनपटी
पर
लगने
की
प्रवृत्ति
अधिक
होती
है।
विवाद और मानसिक तनाव
व्यापारी
के
भाई
अमित
ने
बताया
कि
जितेंद्र
गाजियाबाद
से
दिल्ली
अपडाउन
करते
रहते
थे
और
आसपास
के
जिलों
में
सोने
और
चांदी
के
काम
से
जुड़े
व्यापार
में
सक्रिय
थे।
कुछ
दिनों
से
वे
काफी
मानसिक
तनाव
में
थे।
अमित
ने
यह
भी
कहा
कि
उनके
भाई
ने
करीब 7 दिन
पहले
नंदग्राम
थाने
में
पुलिस
से
शिकायत
की
थी।
उन्होंने
बताया
कि
तीन
कारोबारी
और
एक
महिला
ने
उनके
भाई
से
एक
करोड़
रुपए
और
सोना
हड़प
लिया
था
और
मांगने
पर
भी
लौटाया
नहीं।
इससे
जितेंद्र
मानसिक
रूप
से
परेशान
थे।
सुसाइड नोट और आगे की कार्रवाई
सुसाइड
नोट
में
आरोपियों
के
नाम
लिखे
हुए
थे
और
पुलिस
अब
उन
सभी
से
पूछताछ
करने
की
तैयारी
कर
रही
है।
परिवार
ने
इन
चारों
के
खिलाफ
कड़ी
कार्रवाई
की
मांग
की
है।
पुलिस
ने
बताया
कि
तहरीर
के
आधार
पर FIR दर्ज
की
जाएगी
और
इस
मामले
की
जांच
सभी
पहलुओं
से
की
जाएगी।
जांच
में
यह
भी
शामिल
है
कि
जितेंद्र
ने
अंतिम
गोली
सीने
में
क्यों
मारी, दिनभर किस-किस से संपर्क किया, और घटना स्थल पर कौन-कौन मौजूद था।
फिर एक सवाल खड़ा किया
गाजियाबाद
में
जितेंद्र
की
घटना
ने
एक
बार
फिर
यह
सवाल
खड़ा
किया
है
कि
आर्थिक
विवाद
और
मानसिक
तनाव
किस
हद
तक
व्यक्ति
के
जीवन
को
प्रभावित
कर
सकता
है।
पुलिस
की
जांच
पूरी
तरह
तथ्यों
और
फोरेंसिक
साक्ष्यों
पर
आधारित
होगी।
परिवार
की
मांग
है
कि
दोषियों
के
खिलाफ
उचित
कार्रवाई
की
जाए।
इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि व्यापारिक विवादों और मानसिक तनाव को गंभीरता से लेना चाहिए, ताकि इस तरह की त्रासद घटनाओं को रोका जा सके।
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