उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में थाना मधुबन बापूधाम में तैनात यूपी पुलिस के सिपाही सोहेल खान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। जन्माष्टमी के अवसर पर एक मंदिर में खड़े होकर बनाए गए इस वीडियो में सिपाही ने बैकग्राउंड में एक धुन के साथ संदेश जोड़ा, जिसमें कहा गया, “अल्लाह के सिवाय कोई इबादत के लायक नहीं।” यह धुन नमाज में बोले जाने वाले वाक्य से मिलती-जुलती बताई जा रही है। वीडियो के वायरल होने के बाद सामाजिक तनाव की आशंका को देखते हुए गाजियाबाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सिपाही को सस्पेंड कर दिया और मामले की जांच शुरू कर दी। कैसे हुई घटना ?दरअसल जन्माष्टमी के पावन पर्व के दौरान सिपाही सोहेल खान ने गाजियाबाद के एक मंदिर में खड़े होकर यह वीडियो बनाया और इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। वीडियो में वह वर्दी में दिखाई दे रहा है, और बैकग्राउंड में चल रही धुन के बोल—“अल्लाह ही है और कोई इबादत के लायक नहीं”—ने विवाद को जन्म दिया। यह वीडियो फेसबुक, ट्विटर (X), और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तेजी से फैल गया। कई यूजर्स ने इसे सांप्रदायिक सद्भाव के खिलाफ बताते हुए आपत्ति जताई और गाजियाबाद पुलिस व उत्तर प्रदेश पुलिस के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर शिकायत दर्ज की। हिंदू रक्षा दल जैसे संगठनों ने इस वीडियो पर कड़ा रुख अपनाया। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पिंकी चौधरी ने भी X पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को टैग करते हुए सिपाही के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने इसे पुलिस की वर्दी में अस्वीकार्य व्यवहार और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य करार दिया। पुलिस की कार्रवाईमामले की संवेदनशीलता को देखते हुए गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर ने तत्काल प्रभाव से सिपाही सोहेल खान को ससपेंड कर दिया। गाजियाबाद पुलिस ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर बयान जारी करते हुए कहा, “वायरल वीडियो के संबंध में संज्ञान लिया गया है, और जांच शुरू कर दी गई है। जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।” पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “इस घटना से सामाजिक माहौल खराब होने की आशंका को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की गई। किसी भी तरह की लापरवाही या गलत व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” सोशल मीडिया पर बहसइस घटना ने सोशल मीडिया पर दो धड़ों में बहस छेड़ दी है। कुछ यूजर्स इसे व्यक्तिगत अभिव्यक्ति का मामला मान रहे हैं, जबकि अन्य का कहना है कि एक पुलिसकर्मी का धार्मिक स्थल पर इस तरह का वीडियो बनाना और विवादित संदेश के साथ पोस्ट करना अनुचित है। कई यूजर्स ने लिखा कि पुलिसकर्मियों को अपनी वर्दी और कर्तव्यों का सम्मान करते हुए ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए, जो सामाजिक तनाव को बढ़ावा दे। एक X पोस्ट में कहा गया, “कथित सर्वधर्म सद्भाव एक धोखा है,” जिसने इस बहस को और हवा दी। पुलिस की जिम्मेदारी और नियम पुलिस प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी कानून-व्यवस्था बनाए रखना और सामाजिक सद्भाव सुनिश्चित करना है। सिपाही का यह कृत्य न केवल पुलिस नियमों का उल्लंघन माना जा रहा है, बल्कि नैतिक रूप से भी अनुचित है। वही आपको जानकारी के लिए बता दें की, यूपी पुलिस ने हाल ही में नए भर्ती हुए सिपाहियों को सोशल मीडिया के उपयोग के संबंध में सख्त दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसमें कहा गया था कि वे विभाग की गरिमा और गोपनीयता का ध्यान रखें। इसके बावजूद, इस तरह की घटनाएं पुलिस प्रशिक्षण और अनुशासन पर सवाल उठाती हैं। Comments (0) Post Comment
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