गाजियाबाद क्राइम ब्रांच ने अवैध पटाखों के कारोबार पर बड़ी कार्रवाई की है। मंगलवार देर रात नगर कोतवाली क्षेत्र के दिल्ली गेट और घंटाघर के निकट न्यू मार्केट में छापेमारी करते हुए लगभग 1 करोड़ रुपए मूल्य के पटाखों का जखीरा बरामद किया गया। इस कार्रवाई से न केवल अवैध कारोबार पकड़ा गया, बल्कि एक संभावित बड़े हादसे को भी टाला गया। रिहायशी इलाके में खतरनाक भंडारण क्राइम ब्रांच को पहले से पुख्ता सूचना मिली थी कि रिहायशी इलाके में स्थित कुछ कमरों को गोदाम में बदलकर अवैध रूप से आतिशबाजी का भंडारण किया जा रहा है। छापेमारी के दौरान कई प्रकार के खतरनाक पटाखे जैसे मुर्गा छाप लड़ी, स्काई शॉट्स, अनार, फुलझड़ी और सैकड़ों पेटियों में पैक किए गए पटाखे बरामद हुए। तीन अलग-अलग गोदामों से करीब डेढ़ सौ कुंतल पटाखे जब्त किए गए। ऐसे बड़े पैमाने पर रिहायशी इलाके में पटाखों का भंडारण किसी भी समय भारी हादसे का कारण बन सकता था। कानून और नियमों का उल्लंघन सुप्रीम कोर्ट ने केवल ग्रीन पटाखों के निर्माण की अनुमति दी है। इसके अलावा, दिल्ली-एनसीआर में पटाखों का भंडारण और बिक्री पूर्णत: प्रतिबंधित है। बावजूद इसके, गाजियाबाद में यह अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा था। प्रशासन ने इसे गंभीर चुनौती के रूप में देखा और तुरंत कार्रवाई की। आरोपी और पूछताछ छापेमारी के दौरान गोदाम में कार्यरत सुनील नामक व्यक्ति ने खुलासा किया कि यह गोदाम जितेंद्र यादव का है। वह लंबे समय से अवैध पटाखों के कारोबार में लिप्त है। पुलिस ने सुनील को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है, जबकि गोदाम मालिक की तलाश भी तेज़ कर दी गई है। स्वॉट टीम की जानकारी स्वॉट टीम के प्रभारी अनिल राजपूत ने बताया कि बरामद किए गए पटाखे अन्य राज्यों से तस्करी कर लाए गए थे। उनका मकसद दीपावली पर उन्हें बेचकर भारी मुनाफा कमाना था। एडीसीपी पियूष कुमार ने कहा कि यह कार्रवाई न केवल एक बड़ी खेप को पकड़ने में सफल रही, बल्कि संभावित बड़े हादसे को भी टाल दिया गया। गाजियाबाद में यह छापेमारी यह दर्शाती है कि अवैध पटाखों का कारोबार न सिर्फ कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह रिहायशी इलाकों में रहने वालों के लिए भी बड़ा खतरा पैदा करता है। प्रशासन की यह कार्रवाई समय पर हुई और दीपावली के मौके पर संभावित दुर्घटना से बचाव हुआ। इस मामले से यह भी स्पष्ट होता है कि नागरिकों और पुलिस की सतर्कता कितनी महत्वपूर्ण है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त निगरानी और कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता है। Comments (0) Post Comment