ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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राजनगर एक्सटेंशन की ओरा कायमेरा सोसायटी में लोगों ने पानी की गुणवत्ता को लेकर
शिकायत की, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 23 अगस्त को अलग-अलग जल स्रोतों से चार नमूने इकट्ठा किए।
सोमवार को आई जांच रिपोर्ट में ये चारों नमूने फेल पाए गए, जिससे साफ इशारा मिलता है कि सप्लाई में आ रहा पानी पीने
लायक नहीं है।
जांच में क्या निकला?
रिपोर्ट के बाद जिला सर्विलांस अधिकारी आर.के. गुप्ता ने सोसायटी प्रबंधन को
नोटिस जारी किया और पूछा कि पानी के टैंकों की सफाई कब और कैसे होती है, उसका रिकॉर्ड कहां है।
नोटिस में साफ लिखा गया है कि मेंटेनेंस विभाग सफाई का रिकॉर्ड नहीं रख रहा, साथ ही पेयजल टैंकों का फिल्टरेशन और क्लोरिनेशन भी नहीं
किया जा रहा, जो बड़ी लापरवाही मानी जाती है।
विभाग की कार्रवाई
नोटिस के जरिए विभाग ने टैंकों की तुरंत सफाई, नियमित मेंटेनेंस और
क्लोरिनेशन शुरू करने की बात कही है ताकि सप्लाई का पानी सुरक्षित हो सके।
ऐसा न होने पर आगे सख्त कार्रवाई की संभावना बनती है, क्योंकि पीने के पानी की सुरक्षा से समझौता लोगों की सेहत
पर सीधा असर डाल सकता है।
पहले भी उठी है समस्या
खास बात यह है कि इससे पहले भी राजनगर एक्सटेंशन की कई सोसायटियों के पानी के
नमूने जांच में फेल मिले थे, लेकिन हालात में उम्मीद के
मुताबिक सुधार नहीं दिखा।
बार-बार सामने आ रही रिपोर्टें बताती हैं कि सिस्टमेटिक मेंटेनेंस, साफ-सफाई का रिकॉर्ड और तय मानकों के मुताबिक फिल्टरेशन-
क्लोरिनेशन की प्रक्रिया जमीन पर नहीं उतर पा रही है।
रहवासियों की चिंता
ऐसे हालात में लोग घरों में इस्तेमाल होने वाले पानी को लेकर असमंजस में पड़
जाते हैं और रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना भी मुश्किल लगता है।
समस्या का हल तभी संभव है जब सोसायटी प्रबंधन नियमित सफाई, रिकॉर्ड मेंटेनेंस और क्लोरिनेशन को अपनी रूटीन प्रक्रिया
का हिस्सा बनाए और उसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा करे।
आगे का रास्ता
इस मामले ने साफ कर दिया है कि पेयजल सुरक्षा के लिए सिर्फ शिकायत करना काफी
नहीं, बल्कि तय समय पर टैंकों की सफाई और वैज्ञानिक तरीके
से क्लोरिनेशन करना जरूरी है।
अगर पहले की तरह अनदेखी जारी रही, तो ऐसे केस दोबारा सामने
आने का खतरा बना रहेगा और लोगों की सेहत पर जोखिम बना रहेगा।
ओरा कायमेरा सोसायटी में दूषित पानी की पुष्टि के बाद अब गेंद पूरी तरह से सोसायटी प्रबंधन और मेंटेनेंस टीम के पाले में है कि वे रिकॉर्ड-आधारित साफ-सफाई और क्लोरिनेशन शुरू कर भरोसा बहाल करें।
स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई और नोटिस से उम्मीद है कि इस बार जरूरी कदम समय
पर उठेंगे और साफ, सुरक्षित पानी की सप्लाई फिर
से पटरी पर आएगी।
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