गाजियाबाद के कविनगर थाना क्षेत्र में रविवार देर रात (17 अगस्त 2025) में हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे पुलिस महकमे और शहरवासियों को झकझोर कर रख दिया। महज 25 साल की महिला उपनिरीक्षक (सब-इंस्पेक्टर) की सड़क हादसे में मौत हो गई। वह गाजियाबाद पुलिस में पिछले दो साल से तैनात थीं। हादसा उस समय हुआ जब उनकी बुलेट बाइक अचानक सड़क पर आए एक कुत्ते से टकरा गई। तभी पीछे से आ रही कार ने उन्हें टक्कर मार दी। बाइक के अनियंत्रित होते ही वह सड़क पर जोर से गिरीं और गंभीर चोटें आईं। अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। IAS बनने का था सपना बता दें, मृतक महिला दरोगा का नाम रिचा शर्मा था। उनके पिता ने बताया कि बेटी शुरू से ही पढ़ाई में बेहद मेधावी रही थी। वह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करना चाहती थी और IAS अधिकारी बनने का सपना देखा करती थी। हालांकि घर की परिस्थितियों और अवसर मिलने पर उन्होंने पुलिस विभाग में भर्ती की तैयारी की और सफलता हासिल की। नौकरी जॉइन किए अभी महज दो साल ही हुए थे कि यह दर्दनाक हादसा हो गया। पिता ने कहा, “बेटी का सपना अधूरा रह गया। उसने हमेशा बड़े लक्ष्य रखे थे लेकिन वक्त ने उसे हमसे छीन लिया।” परिवार में कोहराम अब इस दुखद घटना से परिवार पूरी तरह टूट चुका है। माता-पिता के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। इकलौती बेटी की अचानक मौत ने पूरे परिवार का सहारा छीन लिया है। घर के बाहर लोगों की भीड़ जमा है और सभी की आंखों में नम आंसू हैं। गांव और आसपास के लोग बताते हैं कि वह बेहद मिलनसार और पढ़ाई-लिखाई में तेज थीं। पुलिस सेवा में आने के बाद भी वह परिवार और समाज के लोगों से जुड़ी रहती थीं। साथी पुलिसकर्मियों में शोक वही गाजियाबाद पुलिस लाइन और थानों में इस हादसे की खबर फैलते ही मातम पसर गया। महिला दरोगा अपने विभाग में भी काफी लोकप्रिय थीं। साथी पुलिसकर्मी बताते हैं कि वह बहुत ईमानदार थी और हमेशा पुरे लगन के साथ काम करती थीं। कई महिला पुलिसकर्मी उन्हें अपनी प्रेरणा मानती थीं क्योंकि इतनी कम उम्र में उन्होंने मेहनत कर ये नौकरी हासिल की थी। हादसे पर उठे सवाल अब यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा और शहर में आवारा कुत्तों की समस्या पर सवाल खड़े करता है। अक्सर देखा गया है कि अचानक सड़क पर आ जाने वाले जानवर वाहन चालकों के लिए बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। गाजियाबाद में भी आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस दिशा में गंभीर कदम उठाने चाहिए ताकि आगे कोई और परिवार इस तरह की त्रासदी का शिकार न हो। अंतिम विदाई आपको बता दें, महिला दरोगा का पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव ले जाया गया। पुलिस अधिकारियों और स्थानीय लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम संस्कार किया गया। परिवार, रिश्तेदार और ग्रामीणों की आंखों में आंसू थे और हर किसी के दिल में यही सवाल था कि आखिर इतनी कम उम्र में क्यों एक होनहार बेटी को दुनिया छोड़नी पड़ी। यह हादसा न सिर्फ गाजियाबाद पुलिस बल्कि पूरे प्रदेश के लिए बड़ी क्षति है। एक प्रतिभाशाली और सपनों से भरी जिंदगी अचानक थम गई। पीछे रह गए हैं सिर्फ उसके अधूरे सपने और परिवार का दर्द, जिसे भर पाना नामुमकिन है। Comments (0) Post Comment
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