दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सोमवार देर रात एक ऐसा मुठभेड़ हुआ, जिसे जिले की पुलिस इतिहास में हमेशा याद रखेगी। गाजियाबाद कमिश्नरी की महिला थाना पुलिस ने अपने हौसले और साहस का परिचय देते हुए एक हिस्ट्रीशीटर बदमाश को गिरफ्तार किया। यह मुठभेड़ पूरी तरह से महिला पुलिसकर्मियों के नेतृत्व में हुई और इसमें कोई पुरुष पुलिसकर्मी शामिल नहीं था।मुठभेड़ का घटनाक्रमइस मुठभेड़ का नेतृत्व किया एसीपी उपासना पांडे और महिला थानाध्यक्ष रितु त्यागी की टीम ने। एसीपी उपासना पांडे ने बताया कि महिला पुलिस की टीम रात्रि गश्त पर लोहिया नगर में थी। इसी दौरान टीम को एक संदिग्ध स्कूटी आते दिखाई दी। जैसे ही महिला पुलिसकर्मियों ने उसे रुकने का इशारा किया, बदमाश ने स्कूटी मोड़कर भागने की कोशिश की।भागते समय उसकी स्कूटी फिसल गई और वह सड़क पर गिर पड़ा। इसके बावजूद, उसने टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। महिला पुलिसकर्मियों ने तुरंत क्रॉस फायरिंग की और बदमाश के पैर में गोली लगी। इसके बाद उसे स्थानीय रूप से नियंत्रित कर गिरफ्तार किया गया।पकड़े गए बदमाश की जानकारीपकड़े गए बदमाश की पहचान जितेंद्र के रूप में हुई है। वह विजयनगर थाने का हिस्ट्रीशीटर है और मूल रूप से अलीगढ़ का निवासी है। जितेंद्र पर जिले के विभिन्न थानों में आठ से ज्यादा लूट के मामले दर्ज हैं। उसके कब्जे से चोरी की स्कूटी, तमंचा, लूटा हुआ मोबाइल और एक टैब बरामद किया गया।घायल बदमाश को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका उपचार चल रहा है। पुलिस ने बताया कि वह लोहिया नगर क्षेत्र में सक्रिय था और अक्सर इलाके में आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहता था।महिला पुलिसकर्मियों का हौसलायह मुठभेड़ गाजियाबाद पुलिस के इतिहास में पहली बार दर्ज की गई है, जहां सिर्फ महिला पुलिसकर्मी ही किसी हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने में सफल हुईं। यह घटना महिला पुलिसकर्मियों की साहसिक कार्यशैली और तैयारी का प्रतीक है। एसीपी उपासना पांडे ने बताया कि महिला पुलिसकर्मी पूरी तरह से सतर्क और प्रशिक्षित थीं, जिस वजह से कोई भी इंसानी हानि या अनहोनी की संभावना न्यूनतम रही।महिला पुलिसकर्मी, पुरुष पुलिसकर्मियों से कम नहीं गाजियाबाद की यह घटना यह संदेश देती है कि महिला पुलिसकर्मी किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं। लोहिया नगर मुठभेड़ ने यह साबित कर दिया कि महिला पुलिसकर्मी अपराधियों के खिलाफ डटकर कार्रवाई करने में पुरुष पुलिसकर्मियों से कम नहीं हैं।इस मुठभेड़ के बाद जिले में कानून व्यवस्था को लेकर जनता में सुरक्षा का भरोसा बढ़ा है। पुलिस का कहना है कि ऐसे साहसिक कदम अन्य अपराधियों के लिए चेतावनी हैं और अपराधियों के मनोबल को कमजोर करेंगे।यह मुठभेड़ न केवल गाजियाबाद पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है, बल्कि पूरे राज्य में महिला पुलिसकर्मियों के साहस और प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। Comments (0) Post Comment