ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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गाजियाबाद नगर निगम अब हरनंदी नदी को साफ करने के लिए बड़ी योजना पर काम कर रहा है।
दरअसल, इस योजना के तहत शहर के 10 प्रमुख नालों के पानी को बिना मशीनरी के प्राकृतिक तरीके से शुद्ध किया जाएगा।
इसके लिए खास तकनीक अपनाई जा रही है ताकि नालों के गंदे पानी से बैक्टीरिया हटाया जा सके और ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाया जा सके।
विशेषज्ञों से मिल रही तकनीकी मदद
इस दिशा में तेजी लाते हुए बुधवार को नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक और जलकल विभाग के महाप्रबंधक केपी आनंद ने IIT दिल्ली और IIT मुंबई के विशेषज्ञों के साथ बैठक की।
बैठक में विशेषज्ञों ने एक विस्तृत प्रजेंटेशन के जरिए अपनी तकनीक और कार्ययोजना साझा की।
गौर करने वाली बात ये है कि ये प्रक्रिया पूरी तरह से प्राकृतिक होगी, जिससे न केवल पानी साफ होगा, बल्कि पर्यावरण को भी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा।
इन नालों पर होगा काम
यूं तो गाजियाबाद में कई नाले हैं, लेकिन फिलहाल योजना के पहले चरण में 10 प्रमुख नालों को चिन्हित किया गया है।
इनमें अर्थला, सिटी फॉरेस्ट, डासना, हिंडन विहार, करहैड़ा, केला भट्टा, नंदग्राम, प्रताप विहार, राहुल विहार और इंदिरापुरम के नाले शामिल हैं।
इन सभी नालों को सीधे हरनंदी नदी में गिरने से पहले ही शोधित करने की तैयारी की जा रही है।
कहना गलत नहीं होगा कि ये कदम नदी की सफाई के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है।
बैक्टीरिया हटाकर बढ़ेगा ऑक्सीजन लेवल
नगर निगम का फोकस इन नालों के गंदे पानी से बैक्टीरिया को हटाने और ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने पर है।
इस प्रक्रिया के ज़रिए पानी को इतना साफ किया जाएगा कि वो नदी में मिलाने लायक बन सके।
इसके अलावा, नगर निगम ने ये भी बताया है कि नालों की नियमित सफाई का काम पहले से जारी है और अब उसमें नई तकनीक का इस्तेमाल कर सफाई के स्तर को और बेहतर किया जाएगा।
IIT की मदद से चलेगा पूरा अभियान
इस पूरे अभियान में IIT दिल्ली और मुंबई की टीमों से लगातार संपर्क और समन्वय बनाए रखा गया है।
विशेषज्ञों की निगरानी में ही ये प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी ताकि किसी भी स्तर पर चूक न हो।
वहीं, नगर आयुक्त ने ये भी स्पष्ट किया है कि इस योजना को जल्द ही धरातल पर उतारा जाएगा और इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
बहरहाल, आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ।
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