इस साल महाराष्ट्र में जुर्म दिन गिनने लगे हैं, मगरा कानून वहां खामोश है, मगर क्यों इसका कोई अंदाज़ा नहीं। दरअसल, महाराष्ट्र में साल की शुरुआत से ही हालात बेकाबू हैं। 2025 के पहले 5 महीने में ही रेप, मर्डर और डकैती जैसे संगीन अपराधों ने आंकड़ों का ग्राफ इस कदर बढ़ा दिया है कि सवाल उठने लगे हैं, क्या राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है?विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने गुरुवार को सदन में सरकार के सामने आंकड़ों की ऐसी तस्वीर रखी जिसने सबको झकझोर दिया।उन्होंने कहा कि 1 जनवरी से 31 मई 2025 के बीच महाराष्ट्र में 3,506 बलात्कार और 924 हत्या के मामले दर्ज किए गए। मतलब, हर दिन औसतन 6 मर्डर और 23 रेप!नागपुर में ही 10,423 अपराध, उसमें 6,000 सिर्फ शहर मेंअंबादास दानवे ने सीधे-सीधे राज्य की BJP-नीत महायुति सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गृह जिले नागपुर में ही इन 5 महीनों में 10,423 आपराधिक केस दर्ज हुए, जिनमें से 6,000 से ज्यादा मामले सिर्फ नागपुर शहर के थे।दानवे ने कहा, "राज्य में हर कोने से अपराध की खबरें आ रही हैं, लेकिन सरकार सुस्त बैठी है। नशे के कारोबार ने जड़ें जमा ली हैं और पुलिस का इकबाल कमजोर पड़ता जा रहा है।"सिर्फ रेप और मर्डर नहीं, चोरी-डकैती भी जोरों परदानवे ने सदन में ये भी बताया कि इसी अवधि में 30,000 चोरी के केस और 156 डकैती के मामले दर्ज हुए।1.6 लाख से ज्यादा आपराधिक मामले 5 महीने में, जो बताता है कि हर दिन औसतन 1,000 से ज्यादा केस दर्ज हो रहे हैं।NCRB का पुराना डेटा भी दिखाता है खतरे की घंटीनेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े बताते हैं कि 2021 में देशभर में सबसे ज्यादा IPC केस महाराष्ट्र में दर्ज हुए, 3,67,218।इसी साल मुंबई आपराधिक मामलों के लिहाज से देश में दूसरी सबसे क्राइम-हिट सिटी बनी। मुंबई में हर दिन औसतन 174 IPC के तहत अपराध दर्ज हुए।2021 में ही मुंबई में कुल 63,689 केस, यानी 2020 के मुकाबले 27 फीसदी ज्यादा। वहीं, 2020 में 50,158 केस थे, और 2019 में 40,684।इससे साफ है कि राज्य में अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं, और सरकार के पास इसका कोई ठोस समाधान नहीं दिख रहा।विपक्ष ने सरकार पर लगाया लापरवाही का आरोपदानवे ने कहा कि “राज्य में अपराध का ग्राफ चढ़ता जा रहा है, लेकिन सरकार सियासी खेल में व्यस्त है।कानून व्यवस्था अब सरकार की प्राथमिकता में है ही नहीं। नशा, गैंगवार, महिला अपराध और चाइल्ड अब्यूज, हर तरफ हालात खराब हैं।”उन्होंने सदन में पूछा, "जब खुद CM के जिले में हालात इतने बिगड़े हों, तो बाकी राज्य का क्या हाल होगा?"क्या बोले सत्तापक्ष?इस आरोपों पर अब तक सरकार की तरफ से कोई विस्तृत जवाब नहीं आया है। हालांकि BJP नेताओं ने इतना जरूर कहा कि विपक्ष राज्य को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है और आंकड़ों को "पॉलिटिकली टेढ़ा करके" पेश किया जा रहा है।लेकिन विपक्ष इस जवाब से संतुष्ट नहीं है। उनका कहना है कि जनता को गिनती की नहीं, सुरक्षा की जरूरत है।तो कुल मिलाकर, बात ये है, कि विधान परिषद में इस मुद्दे पर गर्मा-गर्मी तेज हो चुकी है।विपक्ष ने मांग की है कि राज्य सरकार अपराध के आंकड़ों पर श्वेत पत्र जारी करे और जिम्मेदारी तय की जाए कि आखिर इस हालात का जिम्मेदार कौन है?राजनीति अपनी जगह, लेकिन सवाल ये है, कि क्या महाराष्ट्र जैसे बड़े और संवेदनशील राज्य में 5 महीने में 3,500 से ज्यादा रेप और 900 से ज्यादा मर्डर वाकई "नॉर्मल" मान लिए जाएंगे?आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment