ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
वीडियो
के सामने आने के साथ ही पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को तकनीकी जांच में एक
और बड़ा सुराग मिला है।
सूत्रों
के मुताबिक:
• बम धमाके वाली जगह और सुनहरी बाग पार्किंग
के आसपास
• कुल 68 मोबाइल नंबर सक्रिय थे।
• ये वही नंबर हैं जो दोनों जगह एक ही समय पर
सक्रिय पाए गए।
इन
68 नंबरों में कई के संपर्क पाकिस्तान और तुर्किये से मिले कॉल्स से जोड़े जा रहे हैं।
कई नंबर विदेशी सर्वर से जुड़ रहे थे, जिससे इंटरनेट रूटिंग और लोकेशन डेटा में असामान्य
गतिविधि दिखी।
विदेशी
लिंक और प्रॉक्सी सर्वर की आशंका
जांच
में पता चला है कि इन नंबरों में:
• कई फोन विदेशी IP से लिंक हुए
• कुछ नंबर पाकिस्तान और तुर्किये के IP क्लस्टर
के बीच लगातार स्विच हो रहे थे
• कुछ फोन पर मिनट-टू-मिनट लोकेशन शिफ्ट हुई
• इससे संभावना है कि फोन को स्पूफ किया गया
था (किसी दूसरे नेटवर्क से जोड़कर उनकी पहचान छिपाई गई)
यह
संकेत देता है कि हमले में उन्नत तकनीक, प्रॉक्सी सर्वर और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का
इस्तेमाल किया गया।
उमर
की कार रही थी 3 घंटे तक पार्किंग में
जांच
में यह भी सामने आया है कि उमर की i20 कार सुनहरी बाग पार्किंग में तीन घंटे से अधिक
समय तक खड़ी रही थी। इस दौरान उसके 30 मीटर के दायरे में:
•
187 मोबाइल नंबर सक्रिय थे
यह
बताता है कि उमर अकेला नहीं था। आसपास कई संभावित “स्पॉटर्स” और तकनीकी मददगार मौजूद
हो सकते हैं, जो पार्किंग से लेकर धमाके तक लगातार उसे मॉनिटर कर रहे थे।
दिल्ली
ब्लास्ट: 14 की मौत, 20 घायल
10
नवंबर को हुए ब्लास्ट में:
• 15 लोगों की मौत
• 30 से अधिक लोग घायल
धमाका
लाल किले के पास एक बेहद संवेदनशील इलाके में हुआ था, जहाँ हर दिन हजारों लोग गुजरते
हैं।
राष्ट्रीय
सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा
डॉ.
उमर का वीडियो और फोन डेटा की जांच से यह साफ हो चुका है कि यह हमला किसी छोटे मॉड्यूल
या एकल व्यक्ति का काम नहीं था, बल्कि:
• अंतरराष्ट्रीय मदद
• तकनीकी सपोर्ट
• कट्टरपंथी विचारधारा
• और लंबी साजिश
इन
सभी का संयुक्त परिणाम था।
सुरक्षा
एजेंसियों के सामने अब दो बड़े सवाल हैं:
1. उमर को कट्टरपंथ किसने और कैसे सिखाया?
2. उसकी मदद किसने की—भारत में और विदेश में?
जांच
आगे बढ़ रही है, और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे होने की संभावना है।
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