ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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दिल्ली की राजधानी में लाल किले के पास हुआ कार बम धमाका सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। इस खौफनाक घटना की जांच में अब चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक हमलावर सीरियल ब्लास्ट करने की फिराक में थे और उन्होंने तीन अलग-अलग कारों में IED लगाने की योजना बनाई थी।
तीन कारों में छिपाया जाना था विस्फोटक
जांच एजेंसियों को मिली जानकारी के अनुसार इस आतंकी मॉड्यूल का प्लान बेहद खतरनाक था। उमर उन नबी और उसके साथियों ने मिलकर तीन अलग-अलग कारें खरीदी थीं। पहली कार हुंडई I20 थी जिसमें विस्फोट हुआ और यह घटना सामने आई। दूसरी कार लाल रंग की फोर्ड इकोस्पोर्ट थी जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर 0458 था, जो फरीदाबाद से बरामद हो चुकी है। तीसरी कार मारुति ब्रेज़ा थी जिसकी तलाश अभी भी जारी है।
सुरक्षा एजेंसियों ने अन्य गाड़ियों के लिए BOLO अलर्ट जारी किया है क्योंकि संभावना है कि उनमें भी विस्फोटक छिपाए गए हों। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह हमला कितना बड़ा होने वाला था।
धमाके के बाद असॉल्ट राइफलों से फायरिंग की थी योजना
जांच में सामने आया है कि आतंकियों की योजना सिर्फ विस्फोट तक सीमित नहीं थी। वे धमाके के बाद असॉल्ट राइफलों से फायरिंग कर दहशत फैलाना चाहते थे। इस तरह का हमला पूरी राजधानी में खौफ का माहौल बना देता और देश की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता।
हमलावरों ने अमोनियम नाइट्रेट और RDX के मिश्रण का इस्तेमाल करने की योजना बनाई थी। यह विस्फोटक बेहद खतरनाक होता है और इससे भारी तबाही हो सकती थी। आतंकियों ने इस मिशन के लिए खास तैयारी की थी और विस्फोटक सामग्री भी जुटाई थी।
अयोध्या के राम मंदिर पर था निशाना
सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि आतंकियों का अगला बड़ा निशाना अयोध्या का राम मंदिर था। वे 25 नवंबर को राम मंदिर में बड़ा हमला करने की योजना बना रहे थे। यह जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट हो गई हैं और अयोध्या समेत देश के कई अहम धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
राम मंदिर जैसे संवेदनशील स्थान पर हमला करने की कोशिश देश की सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाने की साजिश थी। अगर यह हमला सफल हो जाता तो पूरे देश में अफरातफरी का माहौल बन सकता था।
DNA सैंपल से उमर की पहचान की पुष्टि
विस्फोट के बाद I20 कार में मिले शव से DNA सैंपल लिए गए। गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर FSL टीम ने इन नमूनों का मिलान उमर के परिवार से लिए गए DNA सैंपल से किया। जम्मू-कश्मीर सुरक्षा प्रतिष्ठान ने बताया कि DNA सैंपल दिल्ली भेजे गए थे और रिपोर्ट की पुष्टि के बाद इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी के हवाले कर दिया गया।
DNA रिपोर्ट से साफ हो गया कि कार में विस्फोट करने वाला व्यक्ति उमर उन नबी ही था। यह पुष्टि होने के बाद जांच एजेंसियों ने उसके पूरे नेटवर्क की तलाश शुरू कर दी है।
गृह मंत्री अमित शाह की उच्चस्तरीय बैठक
धमाके के अगले दिन गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा अधिकारियों के साथ लगातार कई बैठकें कीं। बैठक में गृह सचिव गोविंद मोहन, खुफिया ब्यूरो प्रमुख तपन डेका, दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा, NIA महानिदेशक सदानंद वसंत दाते और जम्मू-कश्मीर DGP नलिन प्रभात वर्चुअल रूप से शामिल हुए।
अमित शाह ने साफ कहा कि इस आतंकी हमले में शामिल हर व्यक्ति को एजेंसियां ढूंढ निकालेंगी और कठोर सजा दिलाई जाएगी। उन्होंने सभी एजेंसियों को तेजी से काम करने के निर्देश दिए और कहा कि ऐसी घटनाओं को भविष्य में रोकने के लिए खुफिया तंत्र को और मजबूत करना होगा।
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने ली जानकारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान से फोन कर गृह मंत्री से घटना की जानकारी ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जो अंगोला में थीं उन्होंने भी शाह से फोन पर बात कर जांच की स्थिति जानी। इसके बाद गृह मंत्रालय ने केस की जांच NIA को सौंपने का फैसला किया।
NIA अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और आतंकियों के पूरे नेटवर्क को उजागर करने में जुटी है। एजेंसियां यह भी पता लगा रही हैं कि इन आतंकियों को विदेश से फंडिंग मिली थी या नहीं।
फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़ा सुराग
इस केस का लिंक पहले से सक्रिय फरीदाबाद मॉड्यूल से भी जुड़ गया है। पिछले हफ्ते हुई कार्रवाई के दौरान डॉक्टर उमर बच निकला था जिसके बाद ही दिल्ली धमाका हुआ। अब एजेंसियां उसके नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश में दिल्ली, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में छापेमारी कर रही हैं।
कई अन्य आतंकियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और उनसे पूछताछ चल रही है। जांच एजेंसियों का मानना है कि यह एक बड़ा आतंकी नेटवर्क है जो लंबे समय से सक्रिय था और देश में कई जगहों पर हमले की योजना बना रहा था।
इस घटना ने एक बार फिर साबित किया कि देश की सुरक्षा के लिए खुफिया तंत्र को और मजबूत करने की जरूरत है। सुरक्षा एजेंसियों को लगातार सतर्क रहना होगा ताकि ऐसी घटनाओं को समय रहते रोका जा सके।
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