ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक छोटे-से पोस्टर से शुरू हुई जांच के जरिए एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी मॉड्यूल को धराशायी कर दिया है। यह नेटवर्क न सिर्फ कश्मीर में बल्कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश और यहां तक कि पाकिस्तान तक फैला हुआ था। इस मॉड्यूल में पढ़े-लिखे प्रोफेशनल्स और मेडिकल स्टूडेंट्स शामिल थे, जो आतंक की साजिश को एन्क्रिप्टेड ऐप्स के जरिए अंजाम दे रहे थे।
शुरुआत हुई श्रीनगर के एक पोस्टर से
19 अक्टूबर 2025 को श्रीनगर के बुनपोरा नौगाम इलाके में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के धमकी भरे पोस्टर मिले। इन पोस्टरों में सुरक्षाबलों के खिलाफ जंग छेड़ने और स्थानीय लोगों से सहयोग न करने की अपील की गई थी। पुलिस ने इसे मामूली नहीं समझा और तुरंत केस दर्ज कर जांच शुरू की।
मामले में UAPA, एक्सप्लोसिव सब्सटेंस एक्ट और आर्म्स एक्ट की कई धाराएं लगाई गईं। पुलिस को जल्द ही पता चला कि यह कोई सामान्य घटना नहीं, बल्कि एक “व्हाइट कॉलर टेरर इकोसिस्टम” का हिस्सा है — जिसमें शिक्षित और रेडिकलाइज्ड युवा शामिल हैं।
कश्मीर से हरियाणा तक फैला नेटवर्क
जांच के दौरान पता चला कि आरोपी पाकिस्तान और अन्य देशों के हैंडलर्स से एन्क्रिप्टेड चैनलों के जरिए संपर्क में थे। ये लोग आतंकियों की फंडिंग, लॉजिस्टिक्स, भर्ती और हथियार खरीदने में मदद कर रहे थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने CCTV फुटेज के आधार पर कई संदिग्धों की पहचान की और अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं – अरिफ निसार दार, यासिर-उल-अशरफ, मकसूद अहमद दार, मौलवी इरफान अहमद, जमीर अहमद अहंगर, डॉ. मुजम्मिल अहमद गनाई, डॉ. आदिल और डॉ. शाहीन शाहिद।
2,900 किलो विस्फोटक बरामद
इन गिरफ्तारियों के बाद जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कई ठिकानों पर छापेमारी हुई। श्रीनगर, फरीदाबाद और सहारनपुर में एक साथ ऑपरेशन चला। छापों में पुलिस को 2,900 किलोग्राम से ज्यादा IED मटेरियल मिला — जिसमें अमोनियम नाइट्रेट, सल्फर, पोटैशियम नाइट्रेट जैसे केमिकल्स थे। साथ ही टाइमर, बैटरी, पिस्टल, AK-47 राइफल और गोलियां भी बरामद हुईं।
फरीदाबाद का डॉक्टर निकला आतंकी मास्टरमाइंड
सबसे बड़ा खुलासा तब हुआ जब फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाला डॉक्टर मुजम्मिल अहमद गनाई गिरफ्तार हुआ। वह पिछले साढ़े तीन साल से यूनिवर्सिटी के डॉक्टर्स क्वार्टर में रह रहा था। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने धौज गांव के एक घर से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया। वहीं से 20 टाइमर, वॉकी-टॉकी और डिटोनेटर भी मिले।
मुजम्मिल की साथी डॉक्टर शाहीन शाहिद, जो लखनऊ की रहने वाली है, उसे भी गिरफ्तार किया गया। शाहीन के फोन से पाकिस्तानी नंबर और चैट्स मिलीं, जो सीधे हैंडलर्स से जुड़ी बताई जा रही हैं।
डॉ. आदिल और सहारनपुर कनेक्शन
इसी चेन में डॉक्टर आदिल का नाम भी सामने आया, जो कुलगाम के रहने वाला और GMC में रेजिडेंट डॉक्टर था। CCTV फुटेज में वह पोस्टर चिपकाते हुए देखा गया। पुलिस ने सहारनपुर से उसे गिरफ्तार किया, जहां से AK-47 और कारतूस मिले। उसके फोन से भी पाकिस्तानी नंबरों से बातचीत के सबूत मिले।
दिल्ली लाल किला ब्लास्ट में जुड़ा तार
इन गिरफ्तारियों के बीच ही 10 नवंबर 2025 को दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक भयानक कार ब्लास्ट हुआ। सफेद रंग की i20 कार में हुए इस विस्फोट में 12 लोगों की मौत और 20 से अधिक घायल हुए। पुलिस जांच में पता चला कि कार पुलवामा निवासी डॉक्टर उमर मोहम्मद चला रहा था, जो इसी फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़ा हुआ था।
ब्लास्ट में अमोनियम नाइट्रेट, ईंधन तेल और डिटोनेटर का इस्तेमाल हुआ था — वही केमिकल्स जो फरीदाबाद से बरामद हुए थे।
जांच में जुटी एजेंसियां और हाई लेवल मीटिंग
ब्लास्ट के बाद दिल्ली पुलिस ने UAPA की धाराओं के तहत केस दर्ज किया और राजधानी में हाई अलर्ट जारी कर दिया। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बाजारों में सुरक्षा बढ़ा दी गई।
गृह मंत्री अमित शाह ने इस मामले पर मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें IB चीफ, दिल्ली पुलिस कमिश्नर, NIA डायरेक्टर और जम्मू-कश्मीर पुलिस के DGP शामिल हुए। मीटिंग में यह साफ किया गया कि जांच कई दिशाओं में चल रही है और किसी भी एंगल को छोड़ा नहीं जाएगा।
एक छोटे-से धमकी भरे पोस्टर से शुरू हुई जांच ने देश के सबसे बड़े आतंक नेटवर्क को उजागर कर दिया। जांच एजेंसियों का मानना है कि यह “व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल” भारत में शिक्षा और प्रोफेशन की आड़ में काम कर रहा था। अब जब दिल्ली ब्लास्ट से इसके तार जुड़ गए हैं, तो यह साफ है कि यह नेटवर्क सिर्फ जम्मू-कश्मीर का नहीं, बल्कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुका है।
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