अलकायदा मॉड्यूल केस में गुजरात ATS की बड़ी कार्रवाई, बेंगलुरु से समा परवीन गिरफ्तार; पाकिस्तान कनेक्शन का खुलासा


अलकायदा टेरर मॉड्यूल केस में गुजरात ATS को एक और बड़ी सफलता मिली है। झारखंड मूल की रहने वाली समा परवीन को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया है।


आरोप है कि समा कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने और सोशल मीडिया पर संदिग्ध आतंकियों को फॉलो करने में सक्रिय थी।


अब तक इस मामले में कुल 5 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिनमें दो गुजरात से, एक नोएडा और एक दिल्ली से पकड़े गए थे।


गुजरात ATS के मुताबिक, समा परवीन का संबंध न सिर्फ अलकायदा (AQIS) से बल्कि उत्तर-पूर्व के उग्रवादी संगठन ULFA से भी है।


महिला लंबे समय से फरार चल रही थी और इंटरनेट के जरिए आतंकी नेटवर्क को सक्रिय बनाए हुए थी।


गृहमंत्री ने दी जानकारी, 'पाकिस्तान कनेक्शन के सबूत मिले'


गुजरात के गृहमंत्री हर्ष सांघवी ने पुष्टि की कि महिला बेहद कट्टरपंथी है और उसके पास से पाकिस्तान से संपर्क के प्रमाण मिले हैं।


'उसके पास से बरामद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ से अहम जानकारी मिली है। वो एक संगठित नेटवर्क के जरिए इंटरनेट पर युवाओं को कट्टरपंथी बना रही थी,' उन्होंने कहा।


ULFA और अलकायदा दोनों से जुड़ाव, जांच में जुटी ATS


सूत्रों के अनुसार, समा परवीन का संबंध यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (ULFA) से भी रहा है। इसके चलते अब उसकी भूमिका केवल अलकायदा तक सीमित नहीं मानी जा रही है।


ATS ये भी जांच कर रही है कि वो उत्तर भारत में किन-किन लोगों के संपर्क में थी और कौन-कौन उसके नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है।


बेंगलुरु से अरेस्ट, ट्रांजिट वारंट के बाद गुजरात लाई गई


समा परवीन को बेंगलुरु के हेब्बाल थाना क्षेत्र से खुफिया इनपुट के आधार पर पकड़ा गया। उसे 8वें अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी (ACMM) की अदालत में पेश किया गया, जहां से ATS ने ट्रांजिट वारंट हासिल किया।


अब उसे गुजरात लाकर आगे की पूछताछ की जा रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, उत्तर भारत में ULFA और AQIS के संभावित नेटवर्क पर भी फोकस किया जा रहा है।


गुजरात ATS की अब तक की कार्रवाई


  • 2 आतंकी गुजरात से गिरफ्तार

  • 1 नोएडा और 1 दिल्ली से पकड़ा गया

  • अब 1 महिला बेंगलुरु से अरेस्ट

  • कुल गिरफ्तारियां: 5


गुजरात ATS का कहना है कि ये केवल शुरुआत है और मामले में कई और खुलासे होने बाकी हैं।


समा परवीन की गिरफ्तारी के बाद जांच का दायरा उत्तर-पूर्व और उत्तर भारत के संभावित नेटवर्क तक बढ़ा दिया गया है।


बहरहाल, आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ।


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