ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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UN में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने पाकिस्तान पर कसा तगड़ा तंज, कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को सम्मान देता है और ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों को राजकीय ढंग से ढांढसा दिया गया।
उन्होंने यह सब पाकिस्तान की खामियों को उजागर करने के लिए पूरे शौर्य के साथ पेश किया।
पहलगाम हमलों की सीधी निंदा
दरअसल, UN मंच पर उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान आतंकियों को प्रशिक्षण और फंडिंग मुहैया कराता है।
इस्लामाबाद की यह नीति उन 57 मुस्लिम देशों द्वारा जारी बयान के बिल्कुल विपरीत है जो जम्मू-कश्मीर पर OIC के बयान को सही ठहरा रहे हैं।”
पहलगाम हमलों में 26 निर्दोष जिन्दा थे, उन्हें मार गिराना पाकिस्तान की नापाक साजिश सिद्ध करता है।
प्रदर्शन, फंडिंग और राजकीय सम्मान
भारत ने स्पष्ट किया कि जब भारतीय सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकियों के अड्डों पर निशाना साधा, तब भी पाकिस्तानी सरकार ने साजिशकर्ता आतंकियों को राजकीय ढंग से सम्मानित किया।
हरीश ने कहा कि इससे तय हो गया है कि पाकिस्तान आतंकवाद की हर चाल का हिस्सा है।
OIC - बहक गए 57 देश
यही नहीं, भारत ने OIC की पुरज़ोर आलोचना की। इन 57 देशों के कथित बयान को भारत ने ‘सच्चाई से दूर’ करार दिया।
पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि OIC सिर्फ पाकिस्तान का एंबेसडर बनकर काम कर रहा है और ऐसे बयान बेबुनियाद, झूठे और भड़काऊ हैं।
सीमापार साज़िशों का सच
हमें यह बताने की जरूरत नहीं है कि पाकिस्तान की सीमापार आतंकवाद की भूमिका ऑंखों के सामने है। अफगानिस्तान की सीमाओं से सटे इलाकों में पाकिस्तानी आतंकियों को पनाह मिल रही है।
शहबाज़ शरीफ, इमरान खान और इन करामातों का पूरा एफिलिएशन दुनिया देख रही है।
भारत की अपील: राजनीतिक हिचक छोड़ो
UN में भारत ने साफ कहा: अब वक्त आ गया है जब विश्व समुदाय को पाक समर्थकों की राजनीति-आधारित कार्रवाई छोड़नी पड़ेगी।
उन्होंने आगे कहा कि ‘सियासी हथकंडों को भुलाकर आतंक और उसके स्टेट स्पॉन्सर पर मुकदमा चलाने का समय आ गया है।’
वैश्विक राजनीति की परीक्षा
देशभर में चल रहे इस UN ड्रामे से एक बात तो साफ है कि OIC और मुस्लिम देशों का समर्थन पाकिस्तान की एकतरफा राजनीति का समर्थन कर रहा है, जबकि अमेरिका, रूस, चीन जैसी महाशक्तियाँ वहीं पाकिस्तान पर असलियत के नूक्सान के खिलाफ चीखती दिख रही हैं।
शहबाज़ याद रखेंगे ये आवाज़
शहबाज़ शरीफ को UN में भारत के बयान ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान को सच सामने रखना है, अब हअर गवाहि होगी और विश्व समुदाय से मांग होगी कि वह पाकिस्तान की आतंकवादी नीतियों को संज्ञान में लाए।
आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ।
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