ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
कोलकाता के एक नामी लॉ कॉलेज में 'मैंगो' नाम का छात्र (असल नाम मनोजित मिश्रा), सालों से एक खौफ की वजह बना हुआ था।
कॉलेज में पढ़ने वाली कई लड़कियों के लिए उसकी मौजूदगी किसी सजा से कम नहीं थी। अब उस पर गैंगरेप का आरोप लगा है, लेकिन ये तो बस आग की एक चिंगारी है, अंदर की राख तो बहुत पहले से सुलग रही थी।
लड़कियों को रिकॉर्ड करता था, तस्वीरों से करता था छेड़छाड़
कॉलेज से जुड़े एक पूर्व छात्र और कुछ छात्राओं ने बताया कि मनोजित अपने मोबाइल से लड़कियों के निजी पलों की रिकॉर्डिंग करता, फिर उन्हें अपने दोस्तों को दिखाता और व्हाट्सएप ग्रुप में मजाक उड़ाता। ये सिलसिला कोई नया नहीं था।
कई बार शिकायत भी की गई, लेकिन न कॉलेज हिला, न पुलिस और न ही कोई राजनीतिक इकाई, क्योंकि मनोजित के पास वो सबसे खतरनाक चीज़ थी, ‘राजनीतिक पकड़’।
राजनीति की छतरी के नीचे फैलाया आतंक
आपको जानकर हैरानी होगी कि मनोजित 2007 में दाखिला लेने के बाद 2017 में दोबारा छात्र बना, फिर भी पढ़ाई कभी पूरी नहीं की। इसके बावजूद कॉलेज पर उसका कंट्रोल ऐसा था जैसे वो कोई निर्वाचित नेता हो।
TMCP यूनिट से निकाले जाने के बाद भी वो कॉलेज का WhatsApp ग्रुप चलाता, छात्रों को अपनी मर्जी से बाहर करता और हर कार्यक्रम में उसकी दखल रहती।
कॉलेज का तानाशाह, लड़कियों का शिकारी
2017 के बाद कॉलेज यूनिट भंग हुई, लेकिन ‘मैंगो’ का राज चलता रहा। स्टाफ रूम तक सीधी पहुंच, गवर्निंग बॉडी की चिट्ठी लेकर बिना पढ़ाई किए कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ बन जाना और कॉलेज में प्रोग्राम्स का हेड बनकर घूमना, सब कुछ सिर्फ इसलिए संभव था क्योंकि उसने सिस्टम को पकड़ रखा था।
लड़कियां उसे देखकर रास्ता बदलती थीं और कई छात्राओं ने कॉलेज छोड़ने का फैसला सिर्फ इसलिए लिया क्योंकि ‘मैंगो’ जैसा चेहरा रोज़ सामने आता था।
घरवालों और समाज से भी टूट चुका था रिश्ता
कोलकाता के कालीघाट इलाके में रहने वाला मनोजित अकेले रहता था। उसके पिता, एक स्थानीय पुजारी, ने उससे 5 साल पहले ही रिश्ता खत्म कर लिया था।
पिता ने खुद कहा, "अगर उसने गलत किया है तो उसे सज़ा मिलनी चाहिए। पीड़िता भी किसी की बेटी है।"
मोहल्ले में बदनाम, हिंसक व्यवहार वाला, और खुद को सबका मालिक समझने वाला यह लड़का अब आरोपी बनकर सामने आया है, और शायद देर से ही सही, लेकिन अब उसके आतंक का अंत करीब है।
आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ।
Comments (0)
No comments yet. Be the first to comment!