अभिनेता से नेता बने और टीवीके प्रमुख विजय के लिए मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। करूर में उनकी राजनीतिक रैली में हुई भगदड़ में लगभग 40 लोगों की मौत के एक दिन बाद, उनके चेन्नई स्थित आवास पर बम की धमकी मिली। धमकी के तुरंत बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। बम की धमकी के बाद सुरक्षा कड़ी शनिवार देर रात करूर की दुखद त्रासदी के बाद जैसे ही विजय अपने आवास पहुंचे, चेन्नई पुलिस और सीआरपीएफ कर्मियों को उनके घर के चारों ओर तैनात किया गया। सुरक्षा बढ़ाने के कुछ ही देर बाद, उनके आवास को बम की धमकी मिली। बम स्क्वॉड ने खोजी कुत्तों के साथ पूरे इलाके की सघन तलाशी अभियान चलाई। इस दौरान पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया। करूर रैली में हुई भगदड़: 40 लोगों की मौत करूर की रैली में लगभग 40 लोग मारे गए और लगभग 100 लोग घायल हुए। तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक (DGP) जी. वेंकटरमन ने बताया कि आयोजकों ने 10,000 लोगों की भीड़ का अनुमान लगाया था, लेकिन 1.2 लाख वर्ग फुट के कार्यक्रम स्थल पर लगभग 27,000 लोग जमा हो गए। डीजीपी ने कहा कि रैली के लिए दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक की अनुमति दी गई थी। हालांकि, टीवीके के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल ने विजय के आगमन की घोषणा दोपहर 12 बजे कर दी थी, जिससे लोग समय से पहले जुटने लगे। लोग सुबह 11 बजे से ही गर्मी में बिना भोजन और पानी के इंतजार कर रहे थे। विजय अंततः शाम 7:40 बजे ही पहुंचे। विजय का दुख और वित्तीय मदद भगदड़ की त्रासदी के बाद विजय ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि वह रैली में जान गंवाने वाले लोगों की क्षति से टूट गए हैं और इस पर उन्हें असहनीय पीड़ा है। उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की। बाद में उन्होंने एक और बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने घोषणा की कि मारे गए लोगों के परिवारों को ₹20 लाख और घायलों को ₹2 लाख की वित्तीय सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा, “कोई भी शब्द इस अपूरणीय क्षति को कम नहीं कर सकता, लेकिन हम दुख की इस घड़ी में शोकाकुल परिवारों के साथ खड़े हैं।” भगदड़ का कारण: भीड़ प्रबंधन में चूक डीजीपी ने बताया कि भगदड़ का सटीक कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन शुरुआती जांच से यह स्पष्ट है कि भीड़ प्रबंधन और आगमन के समय में हुई बड़ी संगठनात्मक चूक इसके पीछे मुख्य वजह रही। रैली स्थल पर अनुमत संख्या से अधिक लोग जमा हुए और सुरक्षा प्रबंध पर्याप्त नहीं थे। लोग लंबे समय तक भूखे-प्यासे और गर्मी में इंतजार कर रहे थे, जिससे अफरा-तफरी और भगदड़ की स्थिति पैदा हुई। राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर चिंता करूर रैली की भगदड़ और उसके बाद विजय के आवास पर बम की धमकी ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। यह घटना भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा और संगठनात्मक तैयारी की गंभीर आवश्यकता को उजागर करती है। विजय ने अपने बयान में दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों की मदद का आश्वासन दिया। इस घटनाक्रम ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि बड़े सार्वजनिक कार्यक्रमों में सुरक्षा, समय प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण कितने अहम होते हैं। Comments (0) Post Comment