मौलाना साजिद रशीदी का डिंपल पर विवादित बयान, इन धाराओं में दर्ज हुआ केस!

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ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवादों में हैं।


इस बार उन्होंने समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव को लेकर एक टीवी डिबेट शो में भद्दा कमेंट कर दिया, जिसके बाद उन पर केस दर्ज हो चुका है और सोशल मीडिया पर उनका विरोध शुरू हो गया है।


आखिर क्या है पूरा मामला?


हाल ही में दिल्ली के संसद मार्ग स्थित मस्जिद में समाजवादी पार्टी की एक बैठक हुई थी, जिसमें पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, उनकी पत्नी और सांसद डिंपल यादव और इकरा हसन समेत कई नेता मौजूद थे।


इस बैठक की तस्वीरें जब एक टीवी डिबेट शो में दिखाई गईं, तो मौलाना रशीदी ने डिंपल यादव के पहनावे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी।


वीडियो में मौलाना कहते हुए नजर आए कि, "बैठक में दो महिलाएं बैठी हैं, एक इकरा हसन हैं जो सर ढककर बैठी हैं..."


इसके बाद उन्होंने डिंपल यादव पर कमेंट किया जो कई लोगों को आपत्तिजनक लगा। महिलाओं ने इस टिप्पणी की कड़ी आलोचना की और सोशल मीडिया पर विरोध तेज हो गया।


मौलाना पर दर्ज हुआ मुकदमा


इस वीडियो के वायरल होते ही समाजवादी पार्टी के नेता प्रवेश यादव ने लखनऊ के विभूतिखंड थाने में मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ शिकायत दी।


उसी आधार पर रविवार रात को FIR दर्ज की गई। इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि मामले में जांच शुरू कर दी गई है।


कौन-कौन सी धाराएं लगीं?


मौलाना पर BNS (Bharatiya Nyaya Sanhita) और IT Act की कुल 7 धाराएं लगाई गई हैं। जानिए हर धारा का मतलब और सजा:


  1. BNS धारा 79: महिला का अपमान करने या उसका प्रयास करने पर - अधिकतम 3 साल की सजा या जुर्माना


  1. BNS धारा 196: धर्म, जाति या भाषा के आधार पर वैमनस्य फैलाना - 5 साल तक की सजा या जुर्माना


  1. BNS धारा 197: धार्मिक भावनाएं आहत करना - 3 साल की सजा या जुर्माना


  1. BNS धारा 299: आपराधिक डराना (Criminal Intimidation) - 2 साल की सजा या जुर्माना


  1. BNS धारा 352: लोक सेवक को काम से रोकने के लिए बल प्रयोग - 3 साल की सजा या जुर्माना


  1. BNS धारा 353: हमला या आपराधिक बल - 3 महीने तक की सजा या ₹1000 जुर्माना


  1. IT Act धारा 67: अश्लील सामग्री का ऑनलाइन प्रसारण - पहली बार अपराध पर 3 साल की सजा या ₹5 लाख जुर्माना


कौन हैं मौलाना साजिद रशीदी?


मौलाना साजिद रशीदी ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं और अक्सर टीवी डिबेट शो में हिस्सा लेते हैं। वो कई बार अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं और इससे पहले भी उनके खिलाफ विवाद खड़े हो चुके हैं।


पिछले विवादित बयान


  • फरवरी 2020: दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद उनका एक वीडियो सामने आया जिसमें उन्होंने खुद को बीजेपी को वोट देने वाला बताया था।


  • वक्फ मुद्दा: वक्फ संपत्तियों को लेकर उन्होंने बयान दिया था कि जो भी मुसलमानों को सड़कों पर लाने की बात करता है, उनकी वक्फ संपत्तियां जांची जानी चाहिए।


  • शिवाजी पर टिप्पणी: एएनआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि "शिवाजी महाराज ने कई राजाओं पर कब्जा किया था। उनकी कोई इतनी बड़ी उपलब्धि नहीं थी कि उन्हें इतना महान बताया जाए।" इस बयान पर भी बवाल मचा था।


महिलाओं का गुस्सा और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं


डिंपल यादव पर दिए गए मौलाना के बयान के बाद महिलाओं ने इसे अपमानजनक और बेहद गैर-जिम्मेदाराना बताया है।


सोशल मीडिया पर कई नेताओं और आम लोगों ने भी इसकी आलोचना की है। समाजवादी पार्टी ने भी इस बयान की निंदा करते हुए कानूनी कार्रवाई की मांग की है।


अब आगे क्या?


फिलहाल मौलाना के खिलाफ दर्ज केस की जांच चल रही है। ये देखा जाएगा कि उन्होंने जो बयान दिया है, वो कानून की किन धाराओं के अंतर्गत आता है और उसे कोर्ट में कैसे साबित किया जाता है। अगर आरोप साबित होते हैं, तो उन्हें जेल की सजा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं।


टीवी डिबेट्स में बयान देने से पहले नेताओं और धार्मिक प्रतिनिधियों को सोच-समझकर बोलने की ज़रूरत है। मौलाना साजिद रशीदी का ये बयान न सिर्फ एक महिला सांसद का अपमान करता है, बल्कि इससे सामाजिक माहौल भी बिगड़ता है।


अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और क्या मौलाना को अपने शब्दों के लिए सजा मिलती है या नहीं।


आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ।

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