ओडिशा में ट्रांसजेंडर पुजारी और राजमिस्त्री के शव लटके मिले

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ओडिशा के जयपुर शहर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बुधवार को गोपबंधु नगर क्षेत्र के कनक दुर्गा मंदिर के पास दो शव पाए गए। पुलिस ने बताया कि मृतकों में से एक ट्रांसजेंडर पुजारी और दूसरा राजमिस्त्री था। दोनों के शव पेड़ से लटके हुए मिले।

 मृतकों की पहचान कर ली गई है। ट्रांसजेंडर पुजारी का नाम राजू मच्छ बताया गया है, जो मंदिर में पुजारी के रूप में कार्यरत थे। वहीं राजमिस्त्री की पहचान समारा के रूप में हुई।

 

प्रेम संबंध की संभावना

 पुलिस के अनुसार, राजू और समारा के बीच पिछले कुछ महीनों से कथित तौर पर संबंध थे। दोनों को मंगलवार की शाम मंदिर के पास एक साथ देखा गया था। इसके अगले दिन ही उनके शव बरामद हुए। शुरुआती जांच के अनुसार, यह मामला आत्महत्या से जुड़ा हो सकता है, लेकिन सटीक कारण का पता लगाने के लिए सभी पहलुओं की जांच जारी है।

 जयपुर उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) पार्थ कश्यप ने कहा, “अप्राकृतिक मौत के दो मामले दर्ज किए गए हैं और विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है। प्रथम दृष्टया साक्ष्यों से यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है, लेकिन सभी संभावनाओं की जांच की जा रही है।

 

पुलिस की जांच

 पुलिस टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और प्रारंभिक जांच में पाया कि यह स्थान सार्वजनिक रूप से देखा जाने वाला था। अधिकारी इस मामले में सभी संभावित पहलुओं की जांच कर रहे हैं, जिसमें सामाजिक, मानसिक और पारिवारिक कारणों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।

 पुलिस अधिकारियों ने कहा कि राजू और समारा के मोबाइल, सोशल मीडिया और उनके व्यक्तिगत रिश्तों की पड़ताल की जा रही है ताकि मृत्यु के पीछे का असली कारण पता चल सके।

 

ओडिशा में हाल की घटनाओं का संदर्भ

 ओडिशा हाल ही में कई संवेदनशील घटनाओं के कारण चर्चा में रहा। इसी सप्ताह ब्रह्मपुर शहर में भाजपा नेता और वरिष्ठ वकील पीताबास पांडा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

 जानकारी के अनुसार, पीताबास पांडा अपने घर के बाहर थे, तभी दो अज्ञात हमलावरों ने उन पर फायरिंग की। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस घटना ने पूरे इलाके में संतुलन और सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया।

 

जांच की दिशा

 जयपुर पुलिस मामले की गंभीरता को देखते हुए घटनास्थल पर साक्ष्य जुटा रही है और आसपास के लोगों से पूछताछ कर रही है। एसडीपीओ पार्थ कश्यप ने आश्वस्त किया कि जांच निष्पक्ष और व्यापक होगी।

 पुलिस की प्राथमिक रिपोर्ट में यह संकेत मिलता है कि यह आत्महत्या का मामला हो सकता है, लेकिन अभी भी किसी भी तरह की साजिश या हत्या के पहलू को खारिज नहीं किया गया है।

 हालांकि, यह घटना समाज में संवेदनशील समूहों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल उठाती है। साथ ही, हाल की हिंसक घटनाओं ने राज्य में सुरक्षा और कानून व्यवस्था के महत्व को रेखांकित किया है।

 


 

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