ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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भारत
और पाकिस्तान के रिश्ते किसी रोलर-कोस्टर राइड से कम नहीं हैं। कभी शांति की बातें
होती हैं, तो कभी सीमा पर तनाव बढ़ जाता है। लेकिन एक बात जो हमेशा स्थिर रहती है, वह
है पाकिस्तान की भारत को लेकर असुरक्षा की भावना। इसका ताज़ा उदाहरण पाकिस्तान के जॉइंट
चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (CJCSC) के चेयरमैन, जनरल साहिर शमशाद मिर्ज़ा के एक बयान में देखने
को मिला है। उन्होंने एक ही सांस में भारत की तारीफ भी की और उस पर गंभीर आरोप भी लगाए,
जो पाकिस्तान के दोहरे चरित्र को उजागर करता है।
पहले तारीफ, फिर ज़हर
इस्लामाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए, जनरल मिर्ज़ा ने स्वीकार किया कि भारत "ग्लोबल साउथ का एक महत्वपूर्ण देश" और "वर्ल्ड ऑर्डर में अहम स्थान रखने वाला एक महत्वाकांक्षी देश" है । आज की तारीख में किसी पाकिस्तानी जनरल से भारत के लिए ऐसी बातें सुनना अपने आप में एक बड़ी बात है। यह दिखाता है कि पाकिस्तान का सैन्य नेतृत्व भी अब दबी ज़ुबान में ही सही, लेकिन भारत की बढ़ती वैश्विक शक्ति और प्रभाव को स्वीकार करने के लिए मजबूर है।
लेकिन यह तारीफ कुछ ही पलों की थी। इसके तुरंत बाद, जनरल मिर्ज़ा अपने असली एजेंडे पर लौट आए। उन्होंने भारत को एक "साम्राज्यवादी" और "विस्तारवादी" देश बताते हुए कहा कि भारत कट्टरवाद को बढ़ावा देता है और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों की अवहेलना करता है । इतना ही नहीं, उन्होंने भारत को ग्लोबल साउथ के लिए एक संभावित "ट्रोजन हॉर्स" तक कह डाला।
क्या है 'ट्रोजन हॉर्स' का मतलब?
'ट्रोजन हॉर्स' एक प्राचीन यूनानी कहानी का मुहावरा है, जिसका मतलब होता है - 'दुश्मन का वो तोहफा, जो बाहर से आकर्षक लगे, लेकिन अंदर से विनाशकारी हो'। इस शब्द का इस्तेमाल करके जनरल मिर्ज़ा यह कहना चाहते हैं कि भारत ग्लोबल साउथ (विकासशील देशों का समूह) का नेता बनने का दिखावा तो कर रहा है, लेकिन असल में वह पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिका के एजेंडे पर काम कर रहा है और इन विकासशील देशों के हितों को नुकसान पहुंचा सकता है । यह पाकिस्तान की पुरानी चिढ़ है कि भारत कैसे पश्चिमी देशों के साथ भी अच्छे संबंध बनाए हुए है और विकासशील देशों का नेतृत्व भी कर रहा है।
पाकिस्तान की चिढ़ का असली कारण क्या है?
जनरल मिर्ज़ा के बयान से पाकिस्तान की बौखलाहट और डर साफ झलकता है। इसके कई कारण हैं:
1.भारत
की बढ़ती अर्थव्यवस्था: आज भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से
एक है, जबकि पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। भारत का वैश्विक कद लगातार
बढ़ रहा है, जो पाकिस्तान को हज़म नहीं हो रहा है।
2.सफल
कूटनीति: भारत ने सफलतापूर्वक अपने संबंधों में संतुलन बनाया है। वह अमेरिका और रूस,
दोनों के साथ अच्छे संबंध रखता है। G20 की सफल अध्यक्षता के दौरान भारत ने खुद को
'ग्लोबल साउथ की आवाज़' के रूप में स्थापित किया, जिससे पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों
पर और भी अलग-थलग पड़ गया ।
3.सैन्य
आधुनिकीकरण: भारत अपनी सेना का तेज़ी से आधुनिकीकरण कर रहा है। जनरल मिर्ज़ा ने भारत
की सेना को "राजनीतिक दृष्टिकोण से सैन्यीकृत" बताकर इसे क्षेत्रीय स्थिरता
के लिए खतरा बताया, जो असल में पाकिस्तान का अपना डर है ।
4.तीसरे
पक्ष की मध्यस्थता की मांग: जनरल मिर्ज़ा ने भारत-पाकिस्तान विवादों को सुलझाने के लिए
तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की मांग की । यह पाकिस्तान की पुरानी आदत है। वह हमेशा कश्मीर
जैसे द्विपक्षीय मुद्दों का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश करता है, जबकि भारत हमेशा
से इसे दो देशों के बीच का मामला मानता आया है।
संक्षेप में, पाकिस्तानी जनरल का बयान 'अंगूर खट्टे हैं' वाली कहावत को चरितार्थ करता है। जब आप किसी से मुकाबला नहीं कर पाते, तो आप उसकी छवि खराब करने की कोशिश करते हैं। पाकिस्तान आज हर मोर्चे पर भारत से पिछड़ता जा रहा है, चाहे वह अर्थव्यवस्था हो, कूटनीति हो या वैश्विक प्रभाव। इसलिए, उसके नेता और जनरल इस तरह की विरोधाभासी बयानबाज़ी करके सिर्फ अपने देश की जनता को दिलासा देने की कोशिश कर रहे हैं।
यह बयान इस बात का भी सबूत है कि भारत सही रास्ते पर है। जब आपका प्रतिद्वंद्वी आपकी ताकत को स्वीकार करने के साथ-साथ आपसे डरने भी लगे, तो समझ लीजिए कि आपकी रणनीति सफल हो रही है।
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