देशभर में लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन मंगलवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हो गया। चार दिनों तक चले इस पवित्र पर्व में श्रद्धा, भक्ति और अनुशासन की अद्भुत झलक देखने को मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छठ पूजा के शुभ समापन पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं और सभी श्रद्धालुओं के कल्याण की कामना की। पीएम मोदी ने एक्स पर साझा की शुभकामनाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि आज भगवान सूर्य देव को प्रातःकालीन अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही छठ महापर्व का पावन समापन हुआ। उन्होंने लिखा— “इस चार दिवसीय अनुष्ठान के दौरान हमने छठ पूजा की अपनी भव्य परंपरा की दिव्य झलक देखी। सभी व्रती भक्तों और श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई। छठी मैया की असीम कृपा आप सभी के जीवन को सदैव आलोकित रखे।” पीएम मोदी के इस संदेश को हजारों लोगों ने सोशल मीडिया पर साझा किया और देशभर से श्रद्धालुओं ने उनके पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी। घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ मंगलवार सुबह देशभर में श्रद्धालु घाटों, नदियों और तालाबों पर एकत्रित हुए और उगते सूर्य को ‘उषा अर्घ्य’ अर्पित किया। बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और दिल्ली सहित कई राज्यों में घाटों पर व्रती महिलाएं पारंपरिक गीतों और मंत्रोच्चार के बीच पूजा-अर्चना करती नजर आईं। बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में लाखों की भीड़ घाटों पर उमड़ी। श्रद्धालुओं ने बांस की डलिया में प्रसाद, फल और फूल सजाकर छठी मैया को अर्पित किया। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रशासन ने प्रमुख घाटों पर पुलिस बल और एनडीआरएफ टीमों को तैनात किया था ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। दिल्ली और वाराणसी में दिखा भक्ति का अद्भुत नजारा दिल्ली में यमुना घाटों पर भी छठ पूजा की धूम रही। आईटीओ स्थित हाथी घाट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित कर परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना कर रही थीं। इसी तरह वाराणसी के शास्त्री घाट, दशाश्वमेध घाट और अन्य स्थानों पर भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। पूरे वातावरण में भक्ति गीतों और छठ मइया के जयघोष गूंजते रहे। चार दिनों की पूजा विधि पूरी श्रद्धा से संपन्न छठ पूजा 25 अक्टूबर को ‘नहाय-खाय’ की रस्म से शुरू हुई थी। 26 अक्टूबर को ‘खरना’ का व्रत रखा गया, 27 अक्टूबर को ‘संध्या अर्घ्य’ यानी शाम का प्रसाद अर्पित किया गया, और 28 अक्टूबर को ‘उषा अर्घ्य’ यानी सुबह का अर्घ्य देने के साथ इस महापर्व का समापन हुआ। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में भक्त व्रत, उपवास और शुद्धता का पालन करते हुए सूर्यदेव और छठी मैया से परिवार की खुशहाली, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करते हैं। छठ पूजा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि यह प्रकृति, परिवार और समाज के बीच सामंजस्य का पर्व भी है। प्रधानमंत्री मोदी के संदेश ने इस पवित्र अवसर पर पूरे देश को एकता, श्रद्धा और सकारात्मक ऊर्जा का संदेश दिया। Comments (0) Post Comment
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