देश की सबसे बड़ी ऑटो पार्ट्स कंपनी सोना कॉमस्टार ने महज दो दशकों में इंसानी उम्मीदों से आगे बढ़कर एक ग्लोबल टेक्नोलॉजी फर्म बनने का हौसला दिखाया।इस पूरी कहानी के सबसे अहम किरदार थे चेयरमैन संजय कपूर, जिन्होंने कंपनी को आर्थिक उथल-पुथल से निकालकर आधुनिक तकनीक के शिखर तक पहुंचाया, लेकिन उनका सबसे बड़ा सपना, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए पूरी तैयार गियर, आलम बेमेल रह गया।शुरुआती दौर और 'सोना' का नामसोना कॉमस्टार की शुरुआत सन 1995 में हुई थी, लेकिन इसकी नींव का असली आधार था कपूर परिवार की विरासत, उनके दादा के ज्वेलरी बिजनेस से लिया गया 'सोना' नाम।कंपनी के भविष्य की सोच उस वक्त से ही साफ थी, लेकिन आर्थिक तंगी और प्रतिस्पर्धा ने शुरुआती समय नाम और अस्तित्व बचाए रखना भारी चुनौती बना दिया।संजय कपूर की एंट्री और कंपनी का बदलता रास्तासन 2015 में जब उनके पिता सुरिंदर कपूर के निधन के बाद संजय कपूर मैनेजिंग डायरेक्टर बने, दरअसल उन्होंने उस कड़ी को पक्का किया। तब कंपनी आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रही थी।लेकिन संजय कपूर ने हल्का काम नहीं किया। उन्होंने ब्लैकस्टोन के साथ ब्रांड व टेक्नोलॉजी साझेदारी की और Comstar को मर्ज कर दिया। इससे कंपनी का डाटा, सेंसर, इलेक्ट्रॉनिक्स और सॉफ्टवेयर देने की ताकत बढ़ी।ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनी बनने की राहइस स्थानीय कंपनी ने अब EV parts, ईन्वर्टर और सेंसर से लेकर आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक गियर तक बेचना शुरू किया और दुनिया भर के ऑटोमेकरों के लिए पार्ट बनने में सफल रहा।सन 2019 में जब संजय कपूर ने चेयरमैन की कुर्सी संभाली, तब कंपनी का मार्केट कैप करीब 4 मिलियन डॉलर (लगभग 31 000 करोड़ रुपये) तक पहुंच गया। उन्हें मरणोपरांत 'चेयरमैन एमेरिटस' की उपाधि मिली।मगर अधूरा रह गया सबसे बड़ा सपनासंजय कपूर का आज तक रह गया अधूरा सपना था, सोना कॉमस्टार को EV की हार्टबीट में बदलना। यानी पूर्ण इलेक्ट्रिक व्हीकल प्लेटफार्म के लिए पार्ट्स, सेंसर और सॉफ्टवेयर की एक पूरी सिस्टम तैयार करना।हालांकि उन्होंने इस दिशा में कदम बढ़ाया, लेकिन जीवन ने साथ नहीं दिया और यह पहल अधूरी ही रह गई।जेफरी मार्क ओवरली बने चेयरमैनसंजय कपूर के निधन के साथ कंपनी ने नया चेहरा पेश किया, जेफरी मार्क ओवरली, जिनके अनुभव और वैश्विक समझ से सोना कॉमस्टार को नया मोड़ मिलने की उम्मीद है, मगर मुमकिन है कि उनके कदमों को संजय कपूर के विजन और अधूरे सपने का सहारा न मिले।अब कंपनी का आगाज़ किस राह पर?अब सरकार का मकसद साफ दिखता है, इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाम बैटरी सिस्टम और सेंसर टेक्नोलॉजी पर पकड़ बनाना।ये थे सोना कॉमस्टार के अगले कदम। नए चेयरमैन के जिम्मे यह राह होगी, संजय कपूर का अधूरा EV सवेरा पूरा करना।आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment
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