कोलकाता के साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में एक 24 वर्षीय छात्रा के साथ 25 जून की शाम जो हुआ, वो सिर्फ दर्दनाक नहीं, बल्कि सुनते ही रूह कांप जाए है।सबसे पहले आरोपियों ने उसे जो कुछ भी भुगताया, उसके बाद जब पीड़िता को सांस लेने में तकलीफ हुई, तो वो दर्द और भी बढ़ गया, और क्या, आरोपियों ने उसे इनहेलर दिया यह खुलासा उसके वकील ने कोर्ट में किया।इनहेलर की ‘महामानवीय’ कामवाईवकील का बयान था कि जैसे ही उसके साथ गैंगरेप जारी रहा, अचानक पैनिक अटैक आ गया। वह साँस तक नहीं ले पा रही थी।दिल दहलाने वाली बात यह है कि आरोपियों ने उसे इनहेलर देकर झूठी राहत दी, ताकि वह और ज्यादा यातनाओं का सामना कर सके।यानी पहले दर्द, फिर थोड़ी सांस की रिहाई और उसके बाद फिर अगली बारिश की तरह दर्द बरसता रहा।मेडिकल स्टोर का कैमरा है गवाहसीसीटीवी फुटेज में दिखा कि आरोपियों में से एक, जैब अहमद, मेडिकल स्टोर पहुंचा और 350 रुपए में इनहेलर खरीद लाया। दुकान वाले की गवाही भी लगी सामने।यह सब साबित करता है कि ‘ठहराव’ सिर्फ योजना का हिस्सा था, राहत नहीं। यह हथकंडा पूरी घटना को और भी भयावह बनाता है।आरोपियों की हिरासत बढ़ीइस खौफनाक घटना के तीन आरोपियों पूर्व छात्र और अस्थायी कर्मचारी मनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी को शुक्रवार को गिरफ्तार कर कोर्ट पेश किया गया।शुरू में चार दिन की हिरासत मिली, लेकिन पुलिस ने उसे बढ़ाकर आठ जुलाई तक कर दिया। अब जांच और भी गहराई से हो रही है।पुलिस-कोर्ट में अब जांच का दबावकोलकाता पुलिस आरोपियों की बयानाउलाई और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर केस की तह तक जाने की तैयारी कर रही है।वकील का दावा है कि आरोपियों ने इनहेलर देने की वजह से पीड़िता को और ज्यादा तोड़ने की योजना बनाई थी यह वारदात पूर्व नियोजित लगती है।कोर्ट ने हिरासत बढ़ाई और सभी दस्तावेज, मेडिकल रिपोर्ट, फोरेंसिक सबूत जुटाने का आदेश दिया है।साथ ही, कॉलेज प्रशासन से भी सवाल उभर रहे हैं। पहले से छात्रा को डर था कि उसे काफ़ी समय से कोर्स रुक-रुककर करना पड़ रहा है और उसका सोशल मीडिया ग्रुप भी आरोपी चला रहा था IIT से जुड़ी कॉलिजन, क्यों इतनी देर तक कोई सवाल नहीं उठा?सिटी में चर्चा का नया शोरयह तस्वीर उस वक्फ से भी बड़ी हो गई है, जहां युवा छात्रा अपनी सफलता की राह पर आगे बढ़ रही थी। अब यह सनसनी कोलकाता से पूरे देश तक उठ चुकी है।सोशल मीडिया, अखबार, चैनलों पर लोग बोल रहे हैं: क्या इनहेलर है इंसानियत, या फिर पीड़िता के सांसों की हत्या की रिपोर्टिंग में इस्तेमाल?समाज कह रहा है ‘धैर्य बढ़ाने नहीं, फैसले लेने का वक्त’विश्लेषक मानते हैं कि यह केस सिर्फ कोलकाता तक सीमित नहीं है, यह कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में बढ़ रहे अपराधों की तस्वीर पेश कर रहा है। प्रशासन, पुलिस, कॉलेज हर किसी से जवाब मांगा जा रहा है।क्या हम सिर्फ ‘टैस्ट और टोकन’ उपायों पर भरोसा रखेंगे, या फिर इस घटना ने हमें बताने की जरूरत है कि हमें ज्यादा सख्त कानूनों, घटनास्थल पर कैमरों और पीड़ितों को सुरक्षा देने की तेजी से सोच बदलनी होगी?आगामी सुनवाइयों में आरोपियों के बयान, मेडिकल रिपोर्ट और कॉलेज प्रशासन की भूमिका पर चर्चा होगी।साथ ही, सीसीटीवी फुटेज के विस्तृत विश्लेषण, पैनिक अटैक के मेडिकल/मानसिक पहलुओं की जांच और पीड़िता का फोरेंसिक मेडिकल क्वांटीफिकेशन मानदंड तैयार किया जाएगा।2 हफ्तों में पुलिस को पुलिस को रिपोर्ट देनी होगी और कोर्ट अगली सुनवाई की तारीख तय करेगी।कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप केस हमें याद दिलाता है कि शारीरिक उत्पीड़न के साथ मानसिक यातना कितनी खौफनाक हो सकती है। ‘इनहेलर’ जैसी ‘राहत’ का इस्तेमाल एक शातिर चाल के रूप में हुआ, जिसने दर्द बढ़ाया।अब समय है समाज, कानून-व्यवस्था, और इंसानियत की राह पर नए निर्णय लेने का जिसमें इंसान की सुरक्षा सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि हर कदम पर मजबूत सार्थक रूप में हो।आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment
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