ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत पर सीधा हमला किया है। दरअसल, उन्होंने बुधवार को भारत पर 25% का आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने की घोषणा की है, जो 1 अगस्त 2025 से लागू होगा।
इसके पीछे की वजह उन्होंने भारत के रूस के साथ रक्षा सौदों और भारत की ऊंची टैरिफ नीति को बताया है। ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि भारत रूस से जो भी करता है, उससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।
'भारत और रूस दोनों डेड इकोनॉमी हैं'
ट्रंप ने अपने ताजा बयान में भारत और रूस दोनों को 'डेड इकोनॉमी' बताया। उन्होंने कहा कि भारत और रूस मिलकर अगर अपनी बर्बाद हो रही अर्थव्यवस्थाओं को साथ लेकर डूबना चाहते हैं, तो वो ऐसा कर सकते हैं, इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।
ट्रंप ने ये भी कहा कि अमेरिका और भारत के बीच व्यापार बेहद सीमित है और भारत के आयात शुल्क दुनिया में सबसे ऊंचे हैं।
ईरान से रिश्तों और रूस से डील पर सख्त ट्रंप
आपको बता दें कि अमेरिका के इस टैरिफ ऐलान से पहले ईरान-इज़राइल युद्ध के समय भी ट्रंप ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी।
फिलहाल, उन्होंने साफ किया कि जिन देशों ने ईरान का समर्थन किया, उन सभी पर भी टैरिफ लगाया गया है।
कहना गलत नहीं होगा कि भारत की रूस से तेल और हथियार खरीद पर भी ट्रंप नाराज़ हैं और अब इसे लेकर भारत को आर्थिक दबाव में लाने की कोशिश कर रहे हैं।
बातचीत का रास्ता अभी खुला है, लेकिन चेतावनी साफ
वैसे तो ट्रंप ने बयान में ये भी कहा कि अमेरिका और भारत के बीच बातचीत अभी जारी है।
साथ ही, उन्होंने ये भी जोड़ा कि देखना होगा कि आगे क्या होता है क्योंकि भारत दुनिया के उन देशों में से एक है जो सबसे ज़्यादा टैरिफ लगाता है।
ट्रंप का कहना है कि जब तक भारत अपनी नीति में बदलाव नहीं करता, तब तक ये टैरिफ बरकरार रहेंगे और अमेरिका अपने हितों के अनुसार फैसले लेगा।
भारत की प्रतिक्रिया - ‘देशहित में होगा हर फैसला’
फिलहाल भारत सरकार की ओर से ये बयान सामने आया है कि टैरिफ को लेकर भारत देशहित में काम करेगा और सभी निर्णय भारत की संप्रभुता और रणनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए लिए जाएंगे।
दरअसल, भारत और अमेरिका के बीच पिछले कई महीनों से व्यापार समझौते को लेकर बातचीत जारी थी, लेकिन टैरिफ के इस फैसले से हालात अब और जटिल हो सकते हैं।
बहरहाल, आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ।
Comments (0)
No comments yet. Be the first to comment!