रूस-यूक्रेन युद्ध ने रविवार को नया और भयावह मोड़ ले लिया। रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव सहित कई शहरों पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई और ड्रोन हमला किया। इस हमले में चार लोगों की मौत हुई, जिनमें एक बच्चा भी शामिल है। सरकारी भवन में आग लग गई, जहां यूक्रेन के प्रधानमंत्री कार्यालय और अन्य अहम दफ्तर मौजूद हैं। यह पहला मौका है जब साढ़े तीन साल से चल रही जंग में रूस ने सीधे कीव के मुख्य सरकारी परिसर को निशाना बनाया। रूस का अब तक का सबसे बड़ा हमला यूक्रेनी वायुसेना के अनुसार, रूस ने इस हमले में 805 ईरान-निर्मित शाहेद ड्रोन और डिकॉय लॉन्च किए। साथ ही 17 क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलें भी दागी गईं। रूस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि उसने यूक्रेन के सैन्य-औद्योगिक ढांचे और परिवहन नेटवर्क को निशाना बनाया। मंत्रालय का दावा है कि हथियारों के गोदाम और सैन्य उपकरणों की सप्लाई लाइनों को नुकसान पहुंचा है। कीव के मेयर वियाटली क्लित्स्को ने बताया कि राजधानी के डर्नित्सकी जिले में एक चार-मंजिला अपार्टमेंट बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ। मलबे से एक बच्चे का शव निकाला गया। यूक्रेन का पलटवार हमले के जवाब में यूक्रेन ने रूस की दुझबा पाइपलाइन को ड्रोन से निशाना बनाया। यह पाइपलाइन रूस से हंगरी और स्लोवाकिया को तेल सप्लाई करती है। इसके अलावा यूक्रेन ने ब्रायन्स्क और तमबोव क्षेत्रों में भी हमले किए, जिससे रूस की ऊर्जा संरचना को भारी नुकसान हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेनी हमलों से रूस की लगभग 17% रिफाइनिंग क्षमता प्रभावित हुई है। वोल्गोग्राद और रोस्तोव की रिफाइनरियों में भीषण विस्फोट हुए। जेलेंस्की की नाराज़गी और दुनिया से अपील राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने हमले को ‘जानबूझकर किया गया अपराध’ बताया। उन्होंने कहा कि जब शांति वार्ता बहुत पहले शुरू हो सकती थी, तब इस तरह की हत्याएं युद्ध को लंबा खींचने की रणनीति हैं। उन्होंने वैश्विक समुदाय से मदद की गुहार लगाई। जेलेंस्की ने दोहराया कि वह अपनी जमीन का कोई हिस्सा रूस को नहीं देंगे। उनका मानना है कि अगर यूक्रेन अभी पीछे हटता है तो देश की संप्रभुता और सुरक्षा को स्थायी नुकसान होगा और रूस को आगे और हमले करने का मौका मिलेगा। उन्होंने दुनिया से बिना शर्त युद्धविराम की अपील की। पीएम यूलिया स्वायरडेंको का बयान यूक्रेन की प्रधानमंत्री यूलिया स्वायरडेंको ने कहा, “हम इमारतों को फिर से बना सकते हैं, लेकिन खोई हुई जानें कभी वापस नहीं आएंगी।” उन्होंने पश्चिमी देशों से और अधिक हथियारों की मांग की और कहा कि केवल वैश्विक सहयोग से ही रूस की आक्रामकता रोकी जा सकती है। युद्ध की पृष्ठभूमि फरवरी 2022 से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध अब तक लाखों लोगों को प्रभावित कर चुका है। रूस इस समय यूक्रेन के करीब 20% हिस्से पर कब्जा किए हुए है, जिसमें क्रीमिया, डोनेट्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जापोरिज्जिया जैसे क्षेत्र शामिल हैं। रूस इन्हें अपनी सामरिक धरोहर मानता है और इन्हें छोड़ने को तैयार नहीं है। साथ ही 15 अगस्त को रूस के राष्ट्रपति पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की अलास्का में मुलाकात के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। पुतिन साफ कर चुके हैं कि शांति वार्ता तभी संभव है जब यूक्रेन कब्जाए गए क्षेत्रों से अपना दावा छोड़ दे। वहीं, यूक्रेन का रुख है कि उसकी जमीन का एक इंच भी रूस को नहीं दिया जाएगा। कुल मिलाकर, रविवार का हमला इस जंग की गंभीरता और उसके लगातार बढ़ते दायरे को दिखाता है। रूस ने संदेश दिया है कि यूक्रेन में अब कोई जगह सुरक्षित नहीं रही, जबकि यूक्रेन भी रूसी ऊर्जा ढांचे को कमजोर कर पलटवार कर रहा है। ऐसे में युद्धविराम की संभावना फिलहाल दूर नजर आ रही है और स्थिति और अधिक भयावह हो सकती है। Comments (0) Post Comment
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