भारत बनाम नेपाल: Gen-Z की शक्ति और प्रभाव

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भारत और नेपाल इस समय अपनी युवा पीढ़ी, यानी Gen-Z, को लेकर चर्चा में हैं। भारत में यह पीढ़ी उपभोक्ता शक्ति और डिजिटल क्रांति को दिशा दे रही है, जबकि नेपाल में यही युवा देश की राजनीतिक हलचलों का केंद्र बन चुके हैं। हाल ही में नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ हुए आंदोलन में Gen-Z ने बड़ी भूमिका निभाई और इसके चलते प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को सत्ता छोड़नी पड़ी। इस पर सवाल उठता है कि दोनों देशों में Gen-Z की स्थिति और प्रभाव कैसे हैं।

 भारत में Gen-Z की आबादी और प्रभाव

 भारत में Gen-Z यानी 1997 से 2012 के बीच जन्मी पीढ़ी देश का एक महत्वपूर्ण और बड़ा हिस्सा है। 2025 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में लगभग 3.77 करोड़ (377 मिलियन) Gen-Z नागरिक हैं, जो देश की कुल आबादी का लगभग 26% हिस्सा हैं। यह पीढ़ी तकनीकी रूप से दक्ष है, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय है और उपभोक्ता प्रवृत्तियों को प्रभावित करने में अहम भूमिका निभाती है।

 सिर्फ इतना ही नहीं, रिपोर्टों के अनुसार, भारत में Gen-Z की यह 26% आबादी देश के कुल खर्च का 43% तक नियंत्रित करती है। इसका मतलब यह है कि भारत में यह युवा वर्ग न सिर्फ तकनीकी और डिजिटल बदलाव में बल्कि आर्थिक गतिविधियों और उपभोक्ता बाजार में भी बड़ी भूमिका निभा रहा है।

 नेपाल में Gen-Z और राजनीतिक प्रभाव

 नेपाल में कुल जनसंख्या के हिसाब से युवा वर्ग का हिस्सा बहुत बड़ा है। हालांकि सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन अनुमानित डेटा बताते हैं कि 20-25 वर्ष की उम्र वाले युवा देश के इंटरनेट और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं में बहुमत रखते हैं। यही Gen-Z नेपाल की राजनीतिक हलचलों का केंद्र बन चुका है।

 हाल ही में नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में युवाओं ने नेतृत्व किया। इन आंदोलनों की वजह से तत्कालीन प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। इस दौरान छात्र, सोशल मीडिया एक्टिविस्ट और युवा नेता जैसे काठमांडू मेयर बलेंद्र शाह सामने आए और देश में नए लोकतांत्रिक ढांचे की मांग तेज हुई।

 Nepal में Gen-Z ने दिखाया कि युवा सिर्फ मनोरंजन और डिजिटल दुनिया तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि वे राजनीतिक और सामाजिक बदलाव की दिशा भी तय कर सकते हैं।

 Gen-Z का प्रभाव

 जहां भारत में Gen-Z का प्रभाव मुख्यतः आर्थिक और डिजिटल क्षेत्र में दिखाई देता है, वहीं नेपाल में यह राजनीतिक परिवर्तन और सामाजिक आंदोलन में अहम भूमिका निभा रही है। दोनों ही देशों में Gen-Z अपनी शक्ति और क्षमता के आधार पर भविष्य के लिए निर्णायक भूमिका निभा रही है।

 इस तुलना से यह स्पष्ट होता है कि भारत में युवा वर्ग बाजार और डिजिटल क्रांति को दिशा दे रहा है, जबकि नेपाल में Gen-Z की सक्रियता राजनीतिक और सामाजिक सुधारों का मार्ग प्रशस्त कर रही है। दोनों ही देशों में Gen-Z की शक्ति उनके भविष्य को आकार देने में निर्णायक साबित हो रही है।


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