प्रिया नायर HUL की नई CEO! जानिए उनकी पढ़ाई, करियर और मोटी सैलरी का पूरा हिसाब!

FMCG क्षेत्र की दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) ने प्रिया नायर को अपना नया सीईओ और एमडी नियुक्त किया है।


1 अगस्त 2025 से प्रिया HUL की कमान संभालेंगी और 31 जुलाई 2030 तक इस पद पर बनी रहेंगी।


खास बात यह है कि HUL के इतिहास में पहली बार कोई महिला इस शीर्ष पद पर नियुक्त हुई है।


कौन हैं प्रिया नायर?


प्रिया नायर एक अनुभवी मार्केटिंग और बिजनेस प्रोफेशनल हैं, जो पिछले 30 साल से यूनिलीवर के साथ जुड़ी हुई हैं। उन्होंने 1995 में HUL में करियर की शुरुआत की थी और तब से कंपनी के कई प्रमुख ब्रांड्स और कैटेगरीज में नेतृत्व किया है।


डव, सनसिल्क, वैसलीन, रिन जैसे पॉपुलर प्रोडक्ट्स की ब्रांड पोजिशनिंग और ग्रोथ के पीछे उनकी अहम भूमिका रही है।


उन्होंने यूनिलीवर में होम केयर और ब्यूटी एंड पर्सनल केयर जैसी यूनिट्स में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के तौर पर भी काम किया है।


वह अभी तक यूनिलीवर लीडरशिप एग्जीक्यूटिव की सदस्य रही हैं, और अब HUL बोर्ड में भी शामिल होंगी।


शिक्षा और प्रोफेशनल बैकग्राउंड


प्रिया नायर की शैक्षणिक पृष्ठभूमि भी उतनी ही प्रभावशाली है। उन्होंने पुणे स्थित Symbiosis Institute of Business Management से 1994 में एमबीए की डिग्री प्राप्त की और फिर Harvard Business School से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और मैनेजमेंट में पढ़ाई की।


उनकी लीडरशिप, ब्रांड रणनीति और उपभोक्ता समझ को लेकर इंडस्ट्री में व्यापक सराहना होती रही है।


HUL के चेयरमैन नितिन परांजपे ने उनकी नियुक्ति पर बधाई देते हुए कहा, “प्रिया के पास भारतीय बाजार की गहरी समझ है और उन्होंने हमेशा प्रदर्शन के नए मापदंड स्थापित किए हैं।”


कितनी मिलेगी सैलरी?


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रिया नायर को इस पद पर वही वेतन पैकेज मिलने की संभावना है, जो मौजूदा CEO रोहित जावा को मिला था। वित्त वर्ष 2025 में जावा का कुल वेतन 23.23 करोड़ रुपये रहा, जिसमें शामिल थे:


  • ₹3.65 करोड़ - बेसिक सैलरी

  • ₹11.45 करोड़ - भत्ते और अन्य लाभ

  • ₹3.78 करोड़ - बोनस

  • ₹2.76 करोड़ - लॉन्ग-टर्म इंसेंटिव्स


इसी के आसपास का मल्टी-कॉम्पोनेंट वेतन पैकेज प्रिया नायर को भी मिल सकता है, जो भारत की टॉप कॉर्पोरेट महिलाओं में उन्हें शामिल करता है।


महिलाओं के लिए प्रेरणा


प्रिया नायर की यह उपलब्धि सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि कॉर्पोरेट सेक्टर में महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व को भी एक नई दिशा देती है। उनके तीन दशक के समर्पण और परिणामों ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है।


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