अगर आप भी घंटों AirPods लगाते हो तो बहरे होने के लिए तैयार रहिए!

आपको जानकर हैरानी होगी मगरा सिर्फ AirPods जैसी छोटी सी चीज़ आपकी सुनने की शक्ति को चौपट कर सकती है।


जी हाँ, सही सुना आपने, दरअसल, ऐसा ही वाकया हुआ है सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और मेकअप आर्टिस्ट आरुषि ओसवाल के साथ, जिनकी आदत ने उनके कानों को 45 प्रतिशत तक सुन्न बना दिया। 


पीछे छुपा क्लियर मैसेज समझो, ये कोई आम स्टोरी नहीं है, बल्कि एक सदमें जैसी चेतावनी है हर उस बंदा के लिए जो घंटों तक कानों में ईयरफोन लगाकर रखता है।


दरअसल, सालों तक AirPods कान में लगाए रखने से कान की अभेद्य नाजुक नर्व सेल्स को नुकसान पहुंचता है।


कान के अंदर मौजूद कॉक्लिया नामक हिस्सा आवाज की तरंगों को ब्रेन तक पहुंचाता है, और जब यह लगातार दबाव में रहता है तो धीरे-धीरे रफ्तार से सेल्स डैमेज हो सकते हैं।


यही हुआ आरुषि के साथ, जिन्होंने यात्रा करते हुए घंटों तक शांत गीत सुने और अचानक महसूस किया कि एक कान से आवाज लगभग गायब हो गई।


डॉक्टर्स ने बताया कि आरुषि को सुनने की शक्ति लगभग 45 प्रतिशत घट चुकी थी, जिसे सही इलाज और स्टेरॉइड इंजेक्शन के जरिए जल्द ठीक किया जा सकता है।


लेकिन यह सुधार अगर देरी हो गई होती तो संभव है कि सुनने की पावर हमेशा कम ही रहती।


गौर करने वाली बात ये है कि AirPods से सिर्फ सुनने की शक्ति प्रभावित नहीं होती बल्कि कान में हवा का प्रवाह भी कम हो जाता है, जिससे बैक्टीरिया पनपने लगते हैं।  


कई बार ये असर घाव, खुजली, संक्रमण और कान में दर्द जैसे रूप दिखा सकता है। ऐसे वक्त में आपको लगेगा कि बस कान की छोटी‑मोटी परेशानी है, लेकिन ये समस्या मन और शरीर दोनों को प्रभावित करती है।


जब लगातार तेज आवाज कान में पहुंचती है तो मस्तिष्क को भी रुकी‑रुकी आवाज में आराम नहीं मिलता और नींद पूरी नहीं हो पाती। इससे तनाव, चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग जैसी मुश्किलें शुरू हो जाती हैं।


कुछ शोध तो वायरलेस रेडिएशन की लंबी अवधि से होने वाले खतरे पर भी संकेत करते हैं, हालांकि इस पर अभी और जांच होनी बाकी है।


अब सवाल उठता है, इससे कैसे बचें? इस पूरी कहानी का सबसे बड़ा सबक यही है कि आप अपने सुनने को हर हाल में बचाओ।


डॉक्टर की सलाह, हर घंटे में दस मिनट का ब्रेक लो, आवाज का लेवल ज्यादा से ज्यादा 60 प्रतिशत रखो और अगर अकेले हो तो स्पीकर का इस्तेमाल करो।


अगर आपको कान में भारीपन, घंटी जैसा टिन्निटस, या सुनने में कठिनाई महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लो। साथ ही, इयरफोन को साफ रखो ताकि संक्रमण की संभावना न हो।


आपको बता दें कि आरुषि ने भी यही चिंता जाहिर की है कि वह चाहती हैं कि हर कोई इस खतरे से वाकिफ हो जाए।


ये सिर्फ तकनीक का इस्तेमाल नहीं, बल्कि जीने की आदतों की बात है। क्यूंकि अगर तकनीक ही आपको सुनाई देना बंद करा दे, तो वो क्या फायदे वाली क्रांति होगी?


अब जरा सोचो जब आपने अगले बार AirPods लगाएंगे तो खुद से पूछो, क्या ये घंटों की आवाज कानों को नुकसान पहुँचा रही है? क्या मुझे हल्के सुनने या कान की सूजन जैसी अजीब‑सी परिस्थितियाँ हो रही हैं?


अगर हां, तो बिना देर किए ब्रेक लो और जरूरत पड़ी तो डॉक्टर के पास पहुंचो। आखिरकार सुनहरा जीवन सुनने की शक्ति पर ही टिका है, और AirPods उस सुनहरी शक्ति को चुरा सकते हैं।


आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ।

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