भारत में धर्म और आध्यात्मिकता का जीवन में गहरा प्रभाव है। लाखों लोग अपने जीवन के महत्वपूर्ण फैसलों और मार्गदर्शन के लिए गुरुओं और संतों के पास आते हैं। ऐसे ही कई धार्मिक गुरु न केवल लोगों को आध्यात्मिक शिक्षा देते हैं, बल्कि अपने विशाल संगठन, आश्रम और व्यापारिक नेटवर्क के जरिए करोड़ों रुपये की संपत्ति भी बना चुके हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे प्रमुख धार्मिक गुरुओं के बारे में, जिनकी कुल संपत्ति करोड़ों में है। माता अमृतानंदमयी केरल में “अम्मा” के नाम से जानी जाने वाली माता अमृतानंदमयी भारत की सबसे संपन्न और प्रभावशाली धार्मिक गुरुओं में से एक हैं। उनके नेतृत्व में अमृतानंदमयी ट्रस्ट काम करता है, जिसकी कुल संपत्ति लगभग 1,500 करोड़ रुपये बताई जाती है। यह ट्रस्ट न केवल धार्मिक गतिविधियों में सक्रिय है, बल्कि देश और विदेश में स्कूल, अस्पताल और विभिन्न सामाजिक सेवाओं के जरिए मानवता की सेवा भी करता है। गुरमीत राम रहीम सिंह डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह कई आरोपों और जेल की वजह से विवादों में रहे, लेकिन इसके बावजूद वे देश के अमीर धार्मिक गुरुओं में शामिल हैं। उनकी अनुमानित संपत्ति लगभग 1,455 करोड़ रुपये बताई जाती है। 1990 से डेरा सच्चा सौदा का नेतृत्व करने वाले राम रहीम के पास हरियाणा और पंजाब में लाखों अनुयायी हैं। स्वामी नित्यानंद स्वामी नित्यानंद विवादों से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। वे ध्यानपीठम फाउंडेशन के संस्थापक हैं, जिसके तहत भारत और विदेशों में मंदिर, आश्रम और गुरुकुल संचालित होते हैं। नित्यानंद के पास योग और ध्यान जैसी आध्यात्मिक शिक्षा देने वाले विशाल संगठन के जरिए करोड़ों की संपत्ति है। विशेषज्ञों के अनुसार उनकी अनुमानित संपत्ति लगभग 10,000 करोड़ रुपये है। हालांकि कानूनी विवाद और विवादास्पद बयानों के कारण उन्हें अक्सर मीडिया में देखा जाता है, बावजूद इसके उनके अनुयायियों की संख्या और संगठन की संपत्ति में कोई कमी नहीं आई है।श्री श्री रविशंकरश्री श्री रविशंकर आज देश के सबसे मशहूर और प्रभावशाली गुरुओं में से एक हैं। उनके 30 करोड़ से अधिक अनुयायी दुनिया के 150 देशों में हैं। श्री रविशंकर आयुर्वेदिक दवाओं और शिक्षा संस्थानों के माध्यम से भी करोड़ों की संपत्ति रखते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार उनकी कुल संपत्ति 1,000 करोड़ रुपये से अधिक है। बाबा रामदेवयोग गुरु बाबा रामदेव ने योग को जन-जन तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने पतंजलि आयुर्वेद के जरिए न केवल योग को लोकप्रिय बनाया, बल्कि व्यवसायिक साम्राज्य भी खड़ा किया। पतंजलि की अनुमानित संपत्ति 1,600 करोड़ रुपये बताई जाती है। इसके अलावा रामदेव योगपीठ और दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट जैसी कई शाखाओं के जरिए शिक्षा, स्वास्थ्य और योग प्रशिक्षण का कार्य भी करते हैं। बहरहाल, इन गुरुओं की संपत्ति सिर्फ आर्थिक दृष्टि से नहीं, बल्कि उनके अनुयायियों और सामाजिक प्रभाव से भी दर्शनीय है। ये गुरु न केवल धर्म और आध्यात्मिक शिक्षा का प्रसार करते हैं, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाओं में भी बड़ी भूमिका निभाते हैं। भारत में ऐसे धार्मिक गुरुओं का प्रभाव समाज के कई पहलुओं पर देखा जा सकता है। उनकी शिक्षाएँ, संगठन और व्यवसायिक साम्राज्य करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव ला रहे हैं और समाज के लिए मार्गदर्शन का काम कर रहे हैं। इन सभी गुरुओं के पास न केवल वित्तीय संपत्ति है, बल्कि उनके अनुयायी और सामाजिक प्रभाव उन्हें भारतीय समाज में अद्वितीय स्थान प्रदान करते हैं। चाहे विवाद हों या प्रशंसा, इन गुरुओं का योगदान और प्रभाव लगातार बना हुआ है। Comments (0) Post Comment