दिल्ली-एनसीआर में रातभर बारिश, यमुना का जलस्तर 205.81 मीटर; ओखला बैराज के गेट खुले, ट्रैफिक पर असर।

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दिल्ली-एनसीआर में बीती रात और सुबह हुई तेज बारिश से सड़कों पर पानी भर गया और कई इलाकों में लंबा जाम लगा, वहीं यमुना का पानी खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। हालात देखते हुए प्रशासन अलर्ट पर है और लोगों से सुरक्षित रहने व गैर-जरूरी यात्रा टालने की अपील की जा रही है।

 मौसम का ताजा हाल

मौसम विभाग के अनुसार राजधानी में मंगलवार सुबह तक 24 घंटे में सफदरजंग पर 37.8 मिमी, लोधी रोड पर 35.2 मिमी, आयानगर में 95 मिमी और पालम पर 57.4 मिमी बारिश दर्ज हुई, जिससे तापमान में गिरावट आई। आज भी दिल्ली-एनसीआर में तेज से बहुत तेज बारिश की संभावना जताई गई है और कई जगहों पर ऑरेंज अलर्ट बरकरार है।

 यमुना का जलस्तर

दिल्ली में यमुना का जलस्तर 205.81 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर है, इसलिए हालात पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। ओखला बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं ताकि अतिरिक्त पानी को निकाला जा सके, और पुराने लोहे के पुल (लोहा पुल) को शाम से बंद करने के आदेश दिए गए हैं क्योंकि जलस्तर 206 मीटर के पास पहुँच रहा है। अधिकारियों के मुताबिक पानी शाम तक 206 मीटर के आसपास जाने की आशंका है, इसलिए बाढ़plain में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।

 ट्रैफिक और दफ्तर/स्कूल

तेज बारिश से गुरुग्राम, नोएडा और दिल्ली के कई हिस्सों में भारी जलभराव हुआ और लंबा ट्रैफिक जाम लगा, जिससे लोगों को काफी दिक्कत हुई। गुरुग्राम में प्रशासन ने दफ्तरों के लिए वर्क-फ्रॉम-होम की सलाह दी और कई स्कूल-कॉलेज बंद रखने का निर्देश दिया, ताकि सड़क पर दबाव कम हो सके। मेट्रो और उड़ानों पर भी असर की खबरें आईं, इसलिए निकलने से पहले ट्रैफिक और पब्लिक ट्रांसपोर्ट की स्थिति जरूर देख लें।

 बाढ़ अलर्ट और सावधानियां

हथिनीकुंड बैराज से इस सीजन का सबसे ज्यादा पानी छोड़ा गया है, जो 3 लाख क्यूसेक से ऊपर रहा, इससे यमुना में पानी बढ़ने का खतरा बना हुआ है। बाढ़plain और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को प्रशासन ने सुरक्षित जगहों पर जाने, जरूरी सामान साथ रखने और बच्चों-बुजुर्गों का खास ध्यान रखने की सलाह दी है। लोहा पुल और नदी के किनारे वाली सड़कों से बचें, वैकल्पिक रास्ता चुनें और आधिकारिक अलर्ट पर नजर रखें।

 आगे क्या उम्मीद करें

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मानसूनी हवाओं के साथ एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण 2 से 4 सितंबर तक रुक-रुककर बारिश जारी रह सकती है। इस दौरान स्थानीय जलभराव, धीमा ट्रैफिक और नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव संभव है, इसलिए गैर-जरूरी यात्रा टालना और जरूरी काम पहले से प्लान करना बेहतर रहेगा।

 फिलहाल सबसे जरूरी है कि यमुना किनारे के क्षेत्रों और पानी भरने वाले पॉकेट्स से दूरी रखी जाए, ट्रैफिक अपडेट्स पर नजर रहे और प्रशासन की एडवाइजरी का पालन किया जाए। बारिश का यह दौर और बने रहने के संकेत हैं, पर सावधानी और सही जानकारी से दैनिक जीवन को सुरक्षित और सुचारू रखा जा सकता है

 

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