ज़रा सोच कर देखिये कि एक दिन आप हमेशा की तरह तेल डालने पेट्रोल पंप पहुंचे और पता चले कि पड़ोस में नियम बदल गया है? कैसा लगेगा?बहरहाल, यही हुआ है नोएडा‑गाजियाबाद में! शहर में 1 नवंबर से ऐसी हालत बनने वाली है जहां 10 साल से पुरानी डीजल गाड़ियों और 15 साल से पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को पेट्रोल‑डीजल मिलना बंद हो जाएगा।यह फैसला CAQM यानी फेयर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट की सिफारिश पर लागू किया गया है।क्या इसका कोई सीधा असर भी होगा?इस कदम को पर्यावरण बचाने की दिशा में ठोस कदम माना गया है, कारण ये कि पुरानी गाड़ियां ज़्यादा प्रदूषण फैलाती हैं।NCR यानी दिल्ली‑नोएडा‑गाजियाबाद में हवा की गुणवत्ता को नियंत्रित करने के लिए ये फैसला ज़रूरी बताया गया है।नंबर प्लेट कैमरे से खली जा रही नजरअब दिन में लाखों गाड़ियां जब पेट्रोल पंप पर आएंगी, तो मशीनें उनकी नंबर प्लेट पढ़ेंगी। OCR कैमरे के जरिए गाड़ी की उम्र पता चलेगी।अगर उम्र 10/15 साल से उपर निकली तो वह गाड़ी रिफ्यूअल फेल हो जाएगी, यह कोई मनमानी नहीं बल्कि सिस्टम की तय सीमा होगी।कितनी गाड़ियां इसमें फंसी हैं?Gautam Buddha Nagar RTO ने आंकड़ा दिया है: लगभग 2.08 लाख गाड़ियां इसी कैटेगरी में आती हैं। ऐसे मालिकों को अब सरकारी नोटिस जारी किया जा रहा है।अगला कदम क्या रहेगा मालिकों के लिए?RTO ने तीन ऑप्शन दिए हैं पुराने गाड़ी मालिकों को:No Objection Certificate (NOC) लेकर दिल्ली‑NCR के बाहर ट्रांसफर करवा दी जाये!गाड़ी बेचकर खतम करवा दी जाए!RTO के पास जमा करवाई जाए!अगर कोई नियम तोड़ेगा तो गाड़ी जब्त हो सकती है और पेनाल्टी के साथ-साथ जुर्माना भी लगेगा।दिल्ली में पहले ही लगा पेंटदरअसल दिल्ली में यह सिस्टम पहले ही से लागू हो चुका है। दिल्ली‑NCR में 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ी को पेट्रोल या डीजल नहीं मिलता है, चाहे वो किस राज्य में रजिस्टर्ड हो।अब नोएडा‑गाजियाबाद ने वो नियम अपनाया है लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि दूसरे स्टेट में रजिस्टर्ड गाड़ियों की स्थिति फिलहाल स्पष्ट नहीं है, CAQM ने इस बात पर फैसला नहीं लिया है।आप पर क्या-क्या असर होगा?अगर आपकी गाड़ी निर्धारित उम्र से पुरानी है तो आप सिर पकड़कर बैठ सकते हैं, क्योंकि अब पेट्रोल या डीजल भरवाना मुश्किल हो जाएगा।पुराने वाहन मालिक सोचेंगे, नया वाहन खरीदें या बाहर ट्रांसफर कराएं? कई पुराने वाहन बेचकर दूसरी जगह पर पंजीकरण कराना भी फैसला बन सकता है, और अगर आप नियम विचलन करते हैं तो जुर्माने और जब्ती तक सामना करना पड़ सकता है।आखिर क्यों ये व्यवस्था लागू की गई?गौर करने वाली बात तो ये है कि नोएडा‑गाजियाबाद‑दिल्ली की हवा पिछले महीनों से सबसे ज्यादा प्रदूषित बनी हुई है।रफ्तार, धुंआ, पुराने वाहनों से निकली गैसें, ये सभी मिलकर हवा को अप्रदूषित रख रही हैं।सरकार इन गाड़ियों को रोककर सीधे तौर पर वाहन‑वायु प्रदूषण के खिलाफ कदम उठा रही है।फैसला माना गया है कि इससे हानिकारक PM2.5 और NOx की मात्रा कम हो सकती है।पुरानी गाड़ी वालों के लिए समय की मरम्मतअगर आपकी गाड़ी पुरानी हो चली है तो समय कम है। नॉर्मल दूरी के लिए अगर बाहर जाना है तो दिल्ली‑NCR से बाहर जाना बेहतर रहेगा। हो सकता है कि पुरानी गाड़ी बेचकर नई लेनी भी आपकी मजबूरी रहे।लेकिन सवाल यह कि क्या योजनाबद्ध तरीके से नए वाहनों को खरीदकर प्रदूषण कम करने का यह तरीका कारगर रहेगा? या फिर लोगों को पुरानी गाड़ियों की मजबूरी से छींटा जाएगा?आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment
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