गोकर्ण की गुफा में मिली रूस की महिला और उसकी बेटियां, 8 साल से कर रही थीं साधना!

कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले की रामतीर्थ पहाड़ियों में स्थित एक गुफा में हाल ही में पुलिस ने एक चौंकाने वाला दृश्य देखा।


500 मीटर ऊंची इस जगह पर, घने जंगलों और खतरनाक जीव-जंतुओं के बीच एक रूसी महिला अपनी दो नन्ही बेटियों के साथ साधना करती मिली।


उस गुफा में रुद्र मूर्ति, धार्मिक चित्र, रूसी किताबें और बच्चों के खिलौनों के साथ एक साध्वी-सा जीवन जीती महिला को देखकर पुलिस भी हैरान रह गई।


कौन हैं ये रहस्यमयी महिला?


नीना कुटीना उर्फ मोही, 40 वर्षीय रूसी नागरिक, वर्ष 2016 में बिजनेस वीजा पर भारत आई थीं। लेकिन जब उनका वीजा 2017 में खत्म हो गया, तो उन्होंने वापस लौटने के बजाय प्रकृति की शरण लेने का फैसला किया।


गोकर्ण की एक गुफा में स्थायी रूप से रहने लगीं और वहां ही उन्होंने अपनी दो बेटियों, 6 साल की प्रेया और 4 साल की अमा, को जन्म दिया।


इन बच्चियों का जन्म न किसी अस्पताल में हुआ, न ही डॉक्टर की देखरेख में, बल्कि मिट्टी, चट्टानों और जंगल की गोद में हुआ।


ध्यान, योग और सांपों के बीच जीवन


नीना और उनकी बेटियां जंगल में प्लास्टिक की चादरों पर सोती थीं, सूर्य की रोशनी में जागती थीं और चांदनी रातों में ध्यान करती थीं। उनका आहार आसपास के जंगल से मिलने वाले फल, फूल, पत्ते, जड़ी-बूटियां और कुछ इंस्टेंट फूड था। नीना का कहना है कि सांप उनके मित्र हैं और जब तक उन्हें छेड़ा नहीं जाए, वे नुकसान नहीं पहुंचाते।


पुलिस ने जब गुफा की तलाशी ली, तो वहां एक अनौपचारिक लेकिन पूरी तरह से आत्मनिर्भर जीवन प्रणाली दिखाई दी, लकड़ी का चूल्हा, रूसी धार्मिक ग्रंथ, देवी-देवताओं की तस्वीरें और कुछ भारतीय परंपराओं के संकेत।


पुलिस की नजर में आया ये जीवन


9 जुलाई को पुलिस की एक नियमित गश्त के दौरान गुफा के बाहर कुछ प्लास्टिक और साड़ी लटके हुए मिले, जिससे संदेह हुआ। जब पुलिस गुफा तक पहुंची, तो एक विदेशी बच्ची दौड़ती हुई बाहर निकली। भीतर एक शांत, साधना-पूर्ण माहौल मिला।


SP एम. नारायण के मुताबिक, ये इलाका भूस्खलन और सांपों के लिए कुख्यात है, फिर भी नीना और उनकी बच्चियों को कभी कोई नुकसान नहीं हुआ।


नीना ने अधिकारियों को बताया कि वे 2018 में नेपाल गई थीं लेकिन कुछ महीनों बाद वापस भारत आ गईं। वीजा समाप्त होने के बाद से वे पूरी तरह से जंगल में रहने लगीं।


अब क्या होगा आगे?


फिलहाल नीना और उनकी बेटियों को कुमटा तालुका के एक आश्रम में स्थानांतरित किया गया है, जहां एक बुजुर्ग स्वामीजी उनकी देखभाल कर रहे हैं।


पुलिस ने उनका पासपोर्ट और समाप्त वीजा जब्त कर लिया है। अब रूसी दूतावास के माध्यम से प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।


नीना ने बताया कि वे भगवान कृष्ण की भक्त हैं और साधना के लिए ही भारत आई थीं। उन्होंने गुफा को साधना का केंद्र बना लिया था और मूर्ति पूजन, ध्यान एवं योग के माध्यम से आत्मिक शांति की तलाश में थीं।


गोकर्ण की जिस गुफा में वे रह रही थीं, वहां एक छोटा शिवलिंग भी स्थित है और उसे स्थानीय लोग ‘गौ गर्भ’ कहते हैं। यहां चमगादड़ों की भरमार है और ये जगह जंगल में गहरे छिपी हुई है।


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