5 साल बाद रेल किराया बढ़ा, आज से जनरल से लेकर AC तक हुआ महंगा!

भारतीय रेलवे ने ट्रेन का किराया 5 साल बाद बढ़ा ही दिया है और यह बढ़ोतरी शायद आपकी जेब को छू ना जाए, लेकिन कहानी में जो ट्विस्ट है वह है आपका सफर। 


दरअसल, रेल मंत्रालय ने किराए में सिर्फ आधे पैसे से लेकर दो पैसे तक की मामूली-सी बढ़ोतरी की है, मगर दीवारनुमा फाइनेंसियल स्ट्रक्चर के बीच यह मामूली बढ़ोतरी भी बड़ा सस्पेंस बन जाती है।


ज़ाहिर है कि यह बात सिर्फ जोड़-घटाव की नहीं है, बल्कि इस बदलाव के पीछे का मकसद ज्यादा बड़ा है।


किराया वृद्धि 500 किलोमीटर से कम दूरी की आम यात्राओं पर लागू नहीं होगी, मगर लंबी दूरी वालों की राह में ये बदलाव साफ दिखेगा। जनरल, स्लीपर और AC सभी में किराया बढ़ाया गया है।


कितना बढ़ा किराया?


जनरल क्लास में किराया महज आधा पैसा प्रति किलोमीटर बढ़ा है। मगर स्लीपर क्लास में यह एक-एक पैसा प्रति किलोमीटर हो गया और AC क्लास में दो- दो पैसे की बढ़ोतरी की गई है।


यहाँ यह समझना जरूरी है कि ये केवल बेसिक किराया हैं, जिसमें अभी भी सरचार्ज, टैक्स और चार्जेज बाकी हैं जिन्हें जोड़ने पर टिकट की असली कीमत सामने आती है।


500 किलोमीटर की सीमा में राहत


रेल मंत्रालय ने साफ किया है कि 500 किलोमीटर तक के सफर में कोई बदलाव नहीं होगा, नॉन-AC वाली लोकल ट्रेनों में भी कोई असर नहीं होगा और अगर टिकट 1 जुलाई से पहले बुक हो चुकी है तो उसमें भी कोई परिवर्तन नहीं होगा।


यानि आपके दर्द की सीमा पर उन्होंने ध्यान रखा है मगर लंबे सफर करने वालों की फिजा बदल रही है।


500 से 1000 किमी के सफर पर क्या फर्क?


जनरल क्लास में 501-1000 किमी तक सफर करने वालों का किराया 5 रुपये से बढ़ गया है, स्लीपर में इतना ही, और AC में भी इसी रेंज में तेज इजाफा हुआ है।


यहां उदाहरण भी गढ़ते हैं ताकि आपको पकड़ आए। दिल्ली से मुंबई करीब 1380 किमी की दूरी है।


अगर आप AC में यात्रा कर रहे हैं और किराया पहले 2,700 रुपये था, तो अब यह 2,728 रुपये हो गया है। यही फर्क लंबी दूरी की रफ्तार है।


देशभर के सफर में इजाफा का असर


500 किमी से ऊपर की दूरी पर यह बढ़त साफ दिखेगी। मेल–एक्सप्रेस ट्रेन की स्लीपर क्लास में 500 किमी तक सफर करने वाले का किराया पहले 286 रुपये था, अब बढ़कर 291 रुपये हो गया है। 1000 किलोमीटर तक की दूरी के लिए यह इजाफा अब 10 रुपये हो चुका है।


AC यात्राओं में भी इसी तरह का वीडियो दिखाई देता है, राजधानी, शताब्दी, वंदे भारत जैसी ट्रेनों के किराए में अब तक के मुकाबले कुछ रुपये का इजाफा हो गया है।


रेलवे नियोजन का उद्देश्य


रेल मंत्रालय ने यह कदम तभी उठाया जब जहां फेयर स्ट्रक्चर को ज्यादा व्यवस्थित कर पाना जरूरी था।


मौजूदा फेयर स्ट्रक्चर को बनाए रखने और यात्री सेवाओं की आर्थिक सुदृढ़ता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी को वह सबको दिखलाया है। बस अब यह फाइनेंशियल स्ट्रक्चर थोड़ा भारी ही हो गया है।


आपके सफर पर क्या असर?


अगर आप अक्सर 500 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करते हैं तो अब आपकी टू कटा टिकट में 5-15 रुपयों तक इजाफा दिखेगा।


मगर ग़ौर करने वाली बात यह है कि यदि यह बढ़ोतरी मामूली लग भीती है, मगर यात्रियों की संख्या को जब गुणा में देखा जाए, तो रेलवे की आमदनी ऊपर जाती है और यह आधिकारिक भुगतान और सेवाओं के आगे सुधार की संभावनाओं को टिका सकती है।


कुल मिलाकर यह एक ऐसा बदलाव है जो आपकी जेब को खास तौर पर छूता है, मगर यह रेलवे की सजगता और यात्री सेवाओं की आर्थिक मजबूती के नजरिए से एक जरूरी कदम माना जा रहा है।


अब यदि आप अगली बार लंबा सफर तय कर रहे हैं तो जानते रहिए कि रेलवे का किराया अब थोड़ा महंगा जरूर है, मगर यह सीट की सुविधा और बेहतर सेवाओं की वजह से आपको थोड़ा समझना होगा।


आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ।

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