ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
22 सितंबर, 2025 से
केंद्र
सरकार
की
ओर
से
लागू
किए
गए
जीएसटी
सुधारों
ने
आम
जनता
को
राहत
की
सांस
दिला
दी
है।
अब
आवश्यक
वस्तुओं
और
सेवाओं
पर
केवल
दो
ही
स्लैब—5% और 18%—रह
गए
हैं।
इससे
पहले 12% और 18% वाले
स्लैब
भी
मौजूद
थे।
वित्त
मंत्रालय
ने
इस
बदलाव
का
उद्देश्य
कर
प्रणाली
को
सरल
बनाना
और
उपभोक्ताओं
के
बजट
पर
महंगाई
का
बोझ
कम
करना
बताया
है।
शहजाद पूनावाला ने कहा—दिवाली से पहले बड़ा तोहफा
भाजपा
के
राष्ट्रीय
प्रवक्ता
शहजाद
पूनावाला
ने
इन
सुधारों
को
दिवाली
से
पहले
देशवासियों
के
लिए
बड़ा
तोहफा
बताया।
उन्होंने
कहा
कि
प्रधानमंत्री
मोदी
और
वित्त
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
ने
नवरात्रि, दिवाली
और
छठ
पूजा
से
पहले
देश
को ‘बचत उत्सव’ के रूप में यह उपहार दिया है। पूनावाला ने बताया कि जीएसटी 2.0 से ‘रोटी-कपड़ा-मकान’ जैसी जरूरी चीजों की कीमतें कम होंगी और इलेक्ट्रॉनिक सामान, स्वास्थ्य उत्पाद, शिक्षा से जुड़े सामान और वाहन सस्ते हो जाएंगे। उन्होंने इसे “गुड एंड सिंपल टैक्स” करार दिया, जो “ग्रेट सेविंग्स और टैक्स कम” का फॉर्मूला है।
प्रवीण खंडेलवाल ने कांग्रेस को जवाब दिया
कांग्रेस
अध्यक्ष
मल्लिकार्जुन
खरगे
के
ट्वीट
के
जवाब
में
भाजपा
सांसद
और
कॉन्फेडरेशन
ऑफ
ऑल
इंडिया
ट्रेडर्स (CAIT) के
महासचिव
प्रवीण
खंडेलवाल
ने
कहा
कि
खरगे
जी
को
एक
बार
फिर
से
पूरी
कर
प्रणाली
को
समझने
की
जरूरत
है।
उन्होंने
कहा, “जितना
कम
टैक्स, उतना
अधिक
राजस्व” यह
सिद्धांत
पूरी
दुनिया
में
मान्यता
प्राप्त
है।
खंडेलवाल
ने
बताया
कि
इन
सुधारों
से
सामानों
की
कीमतें 15-20% तक
कम
हो
जाएंगी
और
आम
महिला
के
घर
के
बजट
पर
इसका
सकारात्मक
असर
पड़ेगा।
योगेंद्र चंदौलिया—दुकानदारों का सिरदर्द खत्म
दिल्ली
से
भाजपा
सांसद
योगेंद्र
चंदौलिया
ने
कहा
कि
पीएम
मोदी
की
अगुवाई
में
किए
गए
ये
सुधार
दुकानदारों
के
लिए
राहत
लेकर
आए
हैं।
उन्होंने
बताया
कि
कई
जरूरी
वस्तुएं
सस्ती
हो
जाएंगी, जिससे
आम
लोगों
को
फायदा
मिलेगा।
चंदौलिया
ने
कहा
कि
लगभग 90% खाद्य
और
पेय
पदार्थों
पर
शून्य
टैक्स
लागू
है, जो महंगाई को नियंत्रण में रखने में मदद करेगा।
सी आर केसवन—सहकारी संघवाद की जीत
हैदराबाद
से
भाजपा
नेता
सी
आर
केसवन
ने
जीएसटी
सुधारों
को
हमारे
सहकारी
संघवाद
और
संसदीय
लोकतंत्र
की
बड़ी
जीत
बताया।
उन्होंने
कहा
कि
प्रधानमंत्री
मोदी
के ‘स्वदेशी क्रांति’ और ‘आत्मनिर्भरता’ के आह्वान ने जीएसटी को नया आयाम दिया है। केसवन ने बताया कि ये सुधार दैनिक आवश्यक वस्तुएं, खाद्य पदार्थ, वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा और MSME व्यापारियों
सहित
हर
वर्ग
के
लोगों
को
सशक्त
बनाएंगे।
कुल
मिलाकर, जीएसटी
सुधारों
का
उद्देश्य
न केवल
कर
प्रणाली
को
सरल
बनाना
है, बल्कि आम जनता और व्यापारियों के लिए आर्थिक राहत भी प्रदान करना है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे घरेलू बजट पर सकारात्मक असर पड़ेगा, खासकर मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए। यह कदम सरकार की ओर से आर्थिक विकास और जनता की भलाई को ध्यान में रखते हुए उठाया गया एक महत्वपूर्ण निर्णय है।
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