क्या आप भी अक्सर ट्रेन पकड़ने से पहले रेलवे रिज़र्वेशन चार्ट देखने के लिए ट्रेन स्टेशन की भीड़ में उलझ जाते हैं? अब आपको इंतज़ार नहीं करना होगा क्योंकि भारतीय रेलवे ने बड़ा बदलाव किया है।दरअसल अभी तक ट्रेन खुलने से 4 घंटे पहले ही सीट कॉन्फर्मेशन और चार्ट तैयार होता था, लेकिन 1 जुलाई से यह वक्त बढ़ा कर 8 घंटे पहले कर दिया गया है।रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अब रेलवे की टिकटिंग प्रणाली स्मार्ट, पारदर्शी, सुलभ और प्रभावी होगी।इसका मतलब यह हुआ कि आपको अपनी सीट की जानकारी और चार्ट जल्दी से मिल सकेगी, जिससे आपकी यात्रा बेहतर और परेशानी मुक्त होगी।खासकर वे यात्री जो किसी दूसरे शहर से ट्रेन पकड़ने आते हैं, उनके लिए ये बदलाव सोने पर सुहागा जैसा है।ट्रेन चार्ट क्यों बनता है?हर यात्री के लिए चार्ट जानना इसलिए जरूरी है ताकि उन्हें पता चले कि उनकी सीट किस कोच में है। अब सिर्फ स्टेशन जाकर चार्ट देखने की जरूरत नहीं रहेगी।IRCTC ऐप या वेबसाइट पर ट्रेन नंबर और यात्रा की डेट डालते ही चार्ट में सीट और कोच की पूरी जानकारी मोबाइल स्क्रीन पर मिल जाएगी।यानी आप अपनी सीट कब और कहां है, यह सब आसानी से पहले ही जान सकते हैं।फोन पर चार्ट का सचअब चार्ट देखने के लिए किसी काउंटर या पर्ची की जरूरत नहीं रहेगी। बस IRCTC ऐप या वेबसाइट में जाएं, ट्रेन सेक्शन चुनें, कोच या सीट की जानकारी भरें और चार्ट देखने का ऑप्शन चुन लें।रात में घर बैठे भी आप यह पता लगा सकते हैं कि आपकी सीट कहां है। इस सोच के साथ रेलवे ने चार्ट मोबाइल पर देखने की सुविधा देने के मकसद से सिस्टम में सुधार किया है।अब तत्काल टिकट के नियम भी कड़े1 जुलाई से सिर्फ रजिस्टर्ड यूजर ही तत्काल टिकट बुक कर पाएंगे। मतलब अब टिकट लेना भी पहले से आसान नहीं रहेगा। IRCTC ऐप या वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना जरूरी होगा।तभी आपको टिकट लेने का अधिकार मिलेगा। साथ ही टिकट बुकिंग के दौरान OTP वेरिफिकेशन भी अनिवार्य रहेगा। यह OTP आधार या डिजी लॉकर में मौजूद सरकारी पहचान से लिंक होगा।यानी अब किसी बिन जानकारी के टिकट नहीं मिलेगी। और अगर आप नई सीट चाहते हैं या किसी कोच में सफर करना चाहते हैं, तो टिकट बुक करने से पहले चार्ट देख कर ही पक्का करें।साथ ही नियमों की सख्ती के बाद अब टिकटिंग प्रक्रिया पारदर्शी और विश्वसनीय होगी।यात्रा की तैयारी में कैसे मदद करेगा यह बदलावसबसे बड़ा फायदा यह है कि यात्रियों को सीट की जानकारी मिलने में देरी नहीं होगी। कल्पना कीजिए कि आप किसी खास कोच में सफर करना चाहते हैं और स्टेशन पहुंचते ही पता चले कि आपकी सीट काफी पीछे या गलत कोच में है। अब यह परेशानी खत्म हो जाएगी।7 से 8 घंटे पहले चार्ट देखने से आप अपनी प्लानिंग एडजस्ट कर सकते हैं जैसे कि अलग ट्रेन में प्लानिंग कर सकते हैं या पहले से कोच चुनकर टिकट बुक कर सकते हैं।रेलवे की महत्ता और यात्रियों की सुविधाअश्विनी वैष्णव ने दोहराया कि रेलवे की नई नीति का मकसद पारदर्शिता को बढ़ाना है। टिकटिंग प्रक्रिया से लेकर चार्ट की जानकारी तक सब कुछ जैसा दिख रहा है, वैसा ही मिलेगा। अब कोई भ्रम नहीं, कोई देरी नहीं और कोई भेद-भाव वाला तरीका नहीं।टिकट की जानकारी और बैठने की योजना स्मार्ट तरीके से बनाई जाए, यह अब रेलवे की प्राथमिकता में होगा।समय का महत्व समझना जरूरीरेल मंत्री ने साफ कहा कि आने वाले समय में टेक्नोलॉजी का सही प्रयोग करके सिस्टम को उपयोगकर्ता केंद्रित बनाया जाएगा। अब उपयोगकर्ता पहले से जान पाएगा कि कब कौनसी सीट मिलेगी।उससे यात्रा के दौरान अनचाही आशंकाओं से बचा जा सकेगा। समय का सही प्रबंधन होगा, और इससे यात्रियों को असुविधा से निजात मिलेगी।कुल मिलाकर यह बदलाव रेलवे की डिजिटल पहल का एक अहम हिस्सा है। टिकटिंग सिस्टम अब सिर्फ टिकट देने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इससे यात्रियों की यात्रा ज्यादा सुगम, सुरक्षित और सक्षम बनेगी। चार्ट की जानकारी पहले मिलने से यात्रियों को योजना बनाने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।अब ज़रा सोचिए जब आप अगली बार ट्रेन पकड़ने जाएँ, तो चार्ट देख कर ही पैकिंग करें, सही सीट पाएं और बिना तनाव के सफर करें, क्योंकि 8 घंटे पहले बनता ट्रेन चार्ट अब आपकी यात्रा का साथी बन जाएगा।आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment
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