डेटा यूज में नंबर 1, स्पीड में टॉप 30: 5G ने बदली भारत की डिजिटल तकदीर!

भारत ने इंटरनेट स्पीड और डेटा उपयोग के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है।


Ookla Speedtest Global Index की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब दुनिया के 26वें स्थान पर पहुंच चुका है, जो कि सितंबर 2022 में 119वें स्थान पर था। यह छलांग महज 2 साल में हुई है, जब भारत में 5G टेक्नोलॉजी लॉन्च की गई थी।


सिर्फ इंटरनेट स्पीड ही नहीं, डेटा खर्च, डिजिटल भुगतान और स्मार्टफोन यूज में भी भारत दुनिया के दिग्गज देशों, अमेरिका और चीन को पीछे छोड़ता दिख रहा है।


ऐसे बदला 5G ने इंटरनेट का चेहरा


5G टेक्नोलॉजी के आने के बाद भारत के टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी बदलाव आया है।


अप्रैल-जून 2025 की तिमाही में भारत की एवरेज मोबाइल डाउनलोड स्पीड 136.53 Mbps दर्ज की गई है।


इसकी तुलना में अमेरिका 176.75 Mbps के साथ 13वें और चीन 207.98 Mbps के साथ 8वें स्थान पर है।


लेकिन असल कहानी भारत की 93 पायदानों की छलांग है, जो डिजिटल बुनियाद की मजबूती और सरकार की तकनीकी नीति को दर्शाती है।


Ookla के इंडस्ट्री एनालिस्ट अफंडी जोहान कहते हैं, “भारत का डिजिटल परफॉर्मेंस 2022 के बाद एकदम रफ्तार पकड़ चुका है।


इससे भारत इंटरनेट टेक्नोलॉजी के ग्लोबल लीडर बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।”


डेटा खपत में बना वर्ल्ड लीडर


इंटरनेट स्पीड के साथ-साथ डेटा खर्च के मामले में भी भारत दुनिया में सबसे आगे है। एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रति व्यक्ति औसत मासिक डेटा उपयोग 32 GB है, जो चीन (29 GB) और अमेरिका (22 GB) से कहीं ज्यादा है।


वहीं, 5G यूजर्स का डेटा कंजम्प्शन और भी ज्यादा है। EY की रिपोर्ट के मुताबिक, एक औसत 5G यूजर भारत में हर महीने 40 GB डेटा खर्च करता है।


5G की हाई स्पीड और कम लेटेंसी ने गेमिंग, वीडियो स्ट्रीमिंग, ऑनलाइन एजुकेशन और वर्चुअल वर्क को पहले से कहीं ज्यादा आसान बना दिया है।


देश में 5G टावरों की बाढ़, टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत


देश के डिजिटल बूस्ट की एक बड़ी वजह 5G टॉवरों की तेज़ी से बढ़ती संख्या है। EY की रिपोर्ट बताती है कि 57% टेलीकॉम टावर अब 5G-सक्षम हो चुके हैं।


मार्च 2025 तक भारत में 32.6 करोड़ 5G यूजर हो चुके हैं, जो कि देश के कुल वायरलेस यूजर्स का 28% हैं। यह आंकड़ा बताता है कि 5G को भारत में काफी तेजी से अपनाया गया है।


सरकार और निजी टेलीकॉम कंपनियों की साझेदारी, स्पेक्ट्रम नीलामी की सफलता और मेक इन इंडिया डिवाइसेज़ के चलते 5G की पहुंच टियर 2 और टियर 3 शहरों तक भी बढ़ चुकी है।


स्मार्टफोन और UPI ने दिया रफ्तार को ईंधन


भारत में आज 60 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन यूजर हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। एक भारतीय यूजर औसतन 4.9 घंटे मोबाइल पर बिताता है।


डेटा एआई की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारत ने 1.1 ट्रिलियन घंटे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर बिताए, जो कि दुनिया में सबसे ज्यादा है।


इस डिजिटल स्पेंडिंग में एक अहम रोल UPI का भी है। भारत में 46 करोड़ लोग और 6.5 करोड़ व्यापारी हर दिन UPI के जरिए पेमेंट कर रहे हैं।


देश में हर महीने 1100 करोड़ से ज्यादा UPI ट्रांजैक्शन हो रहे हैं, जिससे डिजिटल इकोनॉमी को बूस्ट मिल रहा है।


बदल रही है दुनिया की भारत को देखने की नजर


भारत की इस तेज़ डिजिटल ग्रोथ को देखकर अब दुनिया की टेलीकॉम कंपनियां, इनोवेशन हब्स और टेक्नोलॉजी दिग्गज भारत को एक स्ट्रैटेजिक डिजिटल हब के रूप में देख रहे हैं।


गूगल, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट और ऐप्पल जैसी कंपनियां अब भारत में रिसर्च और डिवेलपमेंट के लिए बड़ी इन्वेस्टमेंट कर रही हैं।


स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया और भारतनेट जैसे सरकारी अभियानों ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी इंटरनेट कनेक्टिविटी को मजबूत किया है।


5G ने बनाई भारत को डिजिटल पावरहाउस


भारत का डिजिटल ट्रांजिशन सिर्फ स्पीड तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर पूरे इकोसिस्टम पर है, चाहे वो शिक्षा हो, स्वास्थ्य, पेमेंट सिस्टम या स्टार्टअप्स।


इंटरनेट स्पीड में 119वें से 26वें स्थान तक की छलांग, डेटा खर्च में दुनिया में नंबर 1 और 5G यूजर बेस में रिकॉर्ड ग्रोथ, ये सब मिलकर भारत को भविष्य की डिजिटल सुपरपावर की ओर ले जा रहे हैं।


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