24 अगस्त 2025 का दिन लखनऊ के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया, जब शहर के सपूत, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, भारतीय वायुसेना के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में NASA के अंतरिक्ष मिशन के लिए चुने जाने के बाद अपनी मातृभूमि लौटे। लखनऊ ने अपने इस गौरवशाली बेटे का स्वागत बाहें फैलाकर किया, और पूरा शहर उत्सव के रंग में रंग गया। चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लेकर गोमती नगर तक, शुभांशु के स्वागत में फूलों की वर्षा की गई, जो उनके प्रति शहरवासियों के अपार प्रेम और गर्व का प्रतीक थी। लोगो ने लगाए नारे शुभांशु शुक्ला, जो लखनऊ के एक साधारण परिवार से निकलकर अंतरिक्ष की ऊंचाइयों तक पहुंचे, उन्होंने न केवल अपने शहर, बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है। उनकी इस उपलब्धि ने युवाओं के लिए एक नया प्रेरणास्रोत स्थापित किया है। बता दें, जैसे ही उनका विमान लखनऊ हवाई अड्डे पर उतरा, वहां मौजूद हजारों लोगों की भीड़ ने तालियों और नारों के साथ उनका स्वागत किया। लोगों ने जोरदार नारे लगाए—“भारत माता की जय” और “शुभांशु शुक्ला अमर रहें।” उनका काफिला जैसे-जैसे आगे बढ़ा, शहर की सड़कों पर फूलों की वर्षा होती रही। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं सभी उनकी एक झलक पाने के लिए उमड़े हुए थे। लखनऊवासियों के लिए यह गर्व और भावनाओं से भरा पल था। वही गोमती नगर स्थित गेस्ट हाउस तक का सफर मानो किसी विजय जुलूस जैसा प्रतीत हो रहा था। शहर के प्रमुख चौराहों पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए गए थे, जिन पर लिखा था—“लखनऊ का गौरव, भारत का नायक—ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला।” सड़क किनारे खड़े लोग ढोल-नगाड़ों और बैंड-बाजे के साथ उनका स्वागत करते दिखे। गेस्ट हाउस में ठहराया हालांकि सुरक्षा कारणों से शुभांशु शुक्ला को सीधे गेस्ट हाउस में ठहराया गया। आम जनता के साथ उनका सीधा संवाद अभी संभव नहीं हो सका। प्रशासन ने साफ किया कि उनकी सुरक्षा सर्वोपरि है, लेकिन जल्द ही एक सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जहां लोग उनसे आमने-सामने मिल सकेंगे। वही गेस्ट हाउस में लखनऊ के प्रतिष्ठित लोग, जिसमें राजनेता, समाजसेवी, शिक्षाविद, और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी शामिल थे, उनसे मिलने पहुंचे। इस मुलाकात में शुभांशु ने अपनी यात्रा और अनुभवों को साझा किया, जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने बताया कि कैसे लखनऊ की मिट्टी और संस्कृति ने उन्हें हमेशा प्रेरित किया। उनके शब्दों में लखनऊ के प्रति गहरा लगाव और गर्व झलक रहा था। सोशल मीडिया पर ट्रेंड शुभांशु की उपलब्धि ने लखनऊ के लोगों में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों ने उनके सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किए, जहां उनकी उपलब्धियों पर चर्चा की गई। बच्चों ने अपने हीरो की तस्वीरों के साथ रैली निकाली और कहा कि वह उनके लिए प्रेरणा हैं। शिक्षकों ने कहा कि शुभांशु का संघर्ष और उपलब्धि यह संदेश देती है कि सपने चाहे कितने भी बड़े क्यों न हों, मेहनत और लगन से उन्हें पूरा किया जा सकता है। सोशल मीडिया पर भी #LucknowKaLal और #ShubhanshuShukla जैसे हैशटैग ट्रेंड करते रहे, जहां लोग अपनी खुशी और गर्व व्यक्त कर रहे थे। स्थानीय कलाकारों ने शुभांशु के सम्मान में गीत और कविताएं रचीं, जो शहर के विभिन्न मंचों पर प्रस्तुत की गईं। बहरहाल, यह पल केवल लखनऊ ही नहीं, पूरे देश के लिए गर्व का है। भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अंतरिक्ष विज्ञान और शोध के क्षेत्र में वह लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। शुभांशु शुक्ला जैसे वैज्ञानिक और सैनिक युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन रहे हैं। Comments (0) Post Comment
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