"जिसने सड़कों पर भीख मांगी, आज उसके पास 100 करोड़ की दौलत है", ये लाइन सुनने में फिल्मी लगती है लेकिन छांगुर बाबा, उर्फ जमालुद्दीन, की असल कहानी इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली है।उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से निकलकर बाबा ने ऐसा नेटवर्क खड़ा किया जिसने उन्हें न सिर्फ धार्मिक मंचों पर पहचान दी, बल्कि अरबों की काली कमाई का रास्ता भी दिखा दिया।छांगुर बाबा की शुरुआत एक मामूली ज़िंदगी से हुई थी। पहले वो साइकिल पर रत्न और अंगूठियां बेचते थे, कभी-कभी सड़क किनारे भीख भी मांगते थे। लेकिन वक्त बदला और उन्होंने खुद को एक "धार्मिक बाबा" के तौर पर पेश किया।10 साल के भीतर उनकी जिंदगी ने ऐसा मोड़ लिया कि अब उनके पास बंगले, शो-रूम और लग्ज़री गाड़ियां हैं।कितनी दौलत है बाबा के पास?प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक छांगुर बाबा के पास कम से कम ₹100 करोड़ से ज़्यादा की संपत्ति है।उनके पास लखनऊ, दिल्ली और पश्चिमी यूपी के अलग-अलग इलाकों में रियल एस्टेट, शो-रूम और गाड़ियों का बेड़ा है।ED और UP ATS की जांच में सामने आया है कि उनकी कमाई का बड़ा हिस्सा विदेशी फंडिंग से आया है, जिसमें मुख्य रूप से पश्चिम एशिया (Middle East) से आने वाले पैसे शामिल हैं।धर्मांतरण के धंधे से कमाईबाबा का असली चेहरा तब सामने आया जब उत्तर प्रदेश एटीएस ने एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ किया।छांगुर बाबा पर आरोप है कि उन्होंने 40 से ज्यादा विदेशी यात्राएं कीं, जिनके दौरान उन्हें लाखों की फंडिंग मिली।वो मंचों से भाषण देकर लोगों को धर्म बदलने के लिए प्रेरित करते थे, खासतौर पर युवतियों को।जांच में सामने आया है कि उनके नेटवर्क में कई दलाल और मॉड्यूल एक्टिव थे जो अलग-अलग धर्मांतरण "पैकेज" पेश करते थे।40 से ज्यादा बैंक अकाउंट, 106 करोड़ की मूवमेंटED की मनी लॉन्ड्रिंग जांच में यह भी पता चला कि बाबा और उनके साथियों के नाम से 40 से ज़्यादा बैंक खाते चल रहे थे।इन खातों में 106 करोड़ रुपये से ज़्यादा की राशि ट्रांजैक्ट हुई, जिनमें से अधिकांश का स्रोत पश्चिम एशियाई देशों से था।इन खातों को अलग-अलग ट्रस्ट और एनजीओ के नाम पर ऑपरेट किया जाता था, लेकिन असल मकसद धर्मांतरण और पैसे की हेराफेरी था।अब जांच एजेंसियों के घेरे मेंED ने अब बाबा पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया है, वहीं यूपी एटीएस धर्मांतरण से जुड़े सबूतों को इकट्ठा कर रही है।सूत्रों के अनुसार, छांगुर बाबा और उनके पूरे नेटवर्क पर अब आर्थिक आपराधिक कानूनों के तहत बड़ी कार्रवाई हो सकती है।बाबा की ये कहानी अब सिर्फ एक आर्थिक अपराध नहीं, देश की आंतरिक सुरक्षा, धार्मिक सौहार्द और युवाओं के मानसिक शोषण से भी जुड़ गई है।अब देखना ये है कि भीख से अरबपति बनने वाला ये ‘बाबा’, कानून के शिकंजे से कैसे निपटता है।आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment
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